लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विधान सभा के सामने विशेष इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बनाने वाले दुनिया के सबसे छोटे भारतीय वैज्ञानिक बच्चों से भेंटकर उन्हें प्रेरित किया। मुख्य सचिव ने मिलिंद राज को धन्यवाद देते हुये कहा कि आपने इन बालकों को नन्हा वैज्ञानिक बना दिया। यह बच्चे आने वाले समय में बड़े वैज्ञानिक बनेंगे। इन बच्चों में जो बीज बोया है, कुछ नया करने के लिये, कुछ ऐसा करने कि जो सामाजिक आवश्यकताओं को पूर्ति करने वाला है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ शहर को क्लीन एयर में पहला पुरस्कार मिला है, यह लखनऊ शहर के लिये गर्व की बात है। इन बच्चों ने सभी के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि शहर को डस्ट फ्री सिटी बनाने के लिये डस्ट फिल्टरेशन सिस्टम कार मेें ही लगा दिया है। यह कार चलने के साथ-साथ प्रदूषित हवा को भी साफ करेगी।
उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोगी हो सकता है साथ ही कौशल विकास के क्षेत्र युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकेगा। इन बच्चों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चार छोटे बच्चों विराज (उम्र 11 साल)-आर्यव (उम्र नौ साल), गर्वित (उम्र 12 साल) और श्रेयांश (उम्र 14 साल) ने मिलकर एक टीम फोर नाम का एक समूह बनाया और प्रदूषण मुक्त गतिशीलता प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए दुनिया की सबसे सस्ती और अनोखी स्वदेशी इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण किया। ये अनोखी गाड़ियां एक, दो एवं चार सीटर हे रोबोटिक विशेषज्ञ मिलिंद राज के मार्ग निर्देशन में बच्चों की लगन एवं 7 से 8 माह अधिक प्रवास के परिणाम के रूप में 3 स्वदेशी एवं प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण हुआ।
विश्व में पहली बार किसी गाडी में सोलर हाइब्रिड डीएफएस एवं अल्ट्रावायलेट नामक टेक्नालॉजी का उपयोग करते हुए इन गाड़ियों में धूल एवं धुएं को फिल्टर करने की तकनीक लगाई गयी है जिससे जहां जहां जायेगी उन स्थानों में हवा की धूल एवं थुए को साफ (फिल्टर) करती जायेगी, जिससे वायु में धूल एवं धुएं का स्तर कम होगा, जिसका परिणाम स्वरूप जनमानस के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ-साथ टीम के बच्चों के माध्यम से एक अच्छा सन्देश भी प्रसारित होगा। कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावक समेत अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।