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गोमती नगर में शाखा संगम

राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ गोमती नगर द्वारा शाखा संगम का आयोजन किया गया. इस अद्भुत कार्यक्रम में नगर की बीस शाखाएं एक ही स्थल पर आयोजित की गई. इसमें योग सूर्य नमस्कार समता आदि का अभ्यास किया गया. प्रार्थना के बाद वहीं बौद्धिक कार्यक्रम भी हुआ. इसे अवध प्रांत के सह प्रचारक मनोज जी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि संघ प्रारंभ से ही समाज के संगठन के प्रयोग करता रहा है. शाखा संगम भी इसी के अनुरूप है।

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ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से संघ समाजिक समरसता सौहार्द के साथ ही राष्ट्रीय गौरव के जागरण का प्रयास करता है. उन्होने कहा कि इसी विचार के अनुरूप संघ द्वारा छह उत्सवों का आयोजन किया जाता है. संघ ने सभी पर्वों के प्रति आदर सम्मान रखा. स्वयसेवक इन सभी उत्सवों में परम्परागत रूप से सहभागी होते है. भारतीय संस्कृति के प्रति हम सभी को गर्व होना चाहिए.

ब्रिटिश काल में मैकाले ने भारतीय संस्कृति के प्रति आत्मग्लानि लाने वाली शिक्षा पद्धति लागू की थी. इसमें राष्ट्र गौरव को आत्मग्लानि में बदलने की साजिश छुपी हुई थी. इस तथ्य को समझना चाहिए. हमारी महान विरासत है. इसका बोध कराने के लिए ही विजय दशमी के दिन डॉ हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी. भारतीय काल गणना सर्वाधिक वैज्ञानिक है।

गोमती नगर में शाखा संगम

इसके प्रति जागरूक करने के लिए संघ वर्ष प्रति पदा उत्सव मनाता है. अँग्रेजों ने भारत की नकल की. पहले उनके यहां दस महीने का था.बाद में दो राजाओं ने अपने नाम जुड़वा दिए.हमको अपना नव वर्ष पता होना चाहिए. अपनी वैज्ञानिक विरासत पर गर्व होना चाहिए. हम काल गणना ईशा पूर्व ईशा के बाद का प्रयोग नहीं करते. हमारे ऋषि पृथ्वी के प्रादुर्भाव का समय जानते थे.अँग्रेजों के नव वर्ष में कुछ भी नया नहीं
शिवा जी ने मुगल सत्ता को धूल चटा कर हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की थी. यह दिन भी हमारा उत्सव है.

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हमारे यहां गुरु की बहुत महिमा बताई गई. संघ ने गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाने का निश्चय किया. परम पवित्र भगवा को गुरु माना. देवासुर संग्राम में इंद्र ने ब्रहस्पति से ध्वज प्रदान करने का निवेदन किया था .ब्रहस्पति ने उन्हें भागव ध्वज प्रदान किया था. यह पृथ्वी पर आया था. संघ ने इसी को गुरु रूप में स्वीकार किया. रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. य़ह समाज के प्रति दायित्व की प्रेरणा देता है. इसमें समरसता के साथ ही सामाजिक सुरक्षा का भाव समाहित है.

मकर संक्रांति सामाजिक समरसता का संदेश देता है.अन्य पर्वों को भी स्वयसेवक पूरे उल्लास के साथ मनते है. इस अवसर पर विभाग सह संघ चालक अरविंद, नगर संघ चालक महेश शर्मा भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश, नगर कार्यवाह राजीव, नगर सह कार्यवाह सुधाकर, गौरव, सहित बड़ी संख्या में स्वयसेवक उपस्थित थे।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

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