भारत-चीन के बीच जारी तनाव को कम करने की कोशिश जारी है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 नवंबर को ब्रिक्स की बैठक में आमने-सामने हो सकते हैं। भारत-चीन के 7वें दौर की LAC वार्ता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 नवंबर को आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत करेंगे। यह दोनों देशों के प्रमुखों के बीच गलवान संघर्ष के बाद पहली बातचीत होगी।
सूत्रों के मुताबिक बयान में कहा गया कि जनवरी से लेकर अब तक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बावजूद ब्रिक्स से सम्बंधित 60 बैठकें आयोजित की गई हैं। रूस के राष्ट्रपति के सलाहकार एंटोन कोब्याकोव ने विश्वास जताया कि आगामी शिखर सम्मेलन ‘ज्वेल-इन-द-क्राउन इवेंट’ होगा जो देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रेरणादायक होगा। ब्रिक्स में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं और इन पांच देशों के बीच हर वर्ष क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर वार्षिक बैठक होती हैं।
जानकारी के अनुसार पीएम मोदी और शी जिनपिंग पिछले छह वर्षों में कम से कम 18 बार मिले हैं। हालांकि दोनों ने सीमा विवाद के बाद एक-दूसरे से बात नहीं की है और ना ही मिले हैं। सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच 17 नवंबर से पहले कोई बैठक या फोन कॉल निर्धारित नहीं है, लेकिन बातचीत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने पिछली बार 26 मार्च को एक मंच साझा किया था, जब सऊदी अरब ने कोविड-19 महामारी पर जी-20 नेताओं की एक वीडियो कांफ्रेंसिंग सभा आयोजित की थी।
वास्तव में मोदी और जिनपिंग के पास जी-20 मंच साझा करने का एक और अवसर होगा। वह भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 21-22 नवंबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के चार दिन बाद वार्षिक जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सूत्रों ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का निर्धारण गतिरोध को हल करने का एक अवसर हो सकता है, क्योंकि दोनों पक्ष 17 नवंबर से पहले इस मुद्दे को सुलझाना चाहेंगे।