लंदन: ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के मंगलवार को भारत आने वाले हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता बहाल होने की उम्मीद है। लेबर पार्टी की नवनिर्वाचित सरकार के तहत यह पहला उच्च-स्तरीय दौरा होगा। इस हफ्ते एफटीए वार्ता के नए मापदंड तय किए जाएंगे।
एफटीए वार्ता जनवरी 2022 में तत्कालीन कंजर्वेटिव सरकार के तहत शुरू हुई थी। इसका लक्ष्य प्रति वर्ष 38.1 अरब पाउंड की द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी को बढ़ावा देना था। लेकिन दोनों देशों में आम चुनावों के चलते वार्ता के 14वें दौर में इसमें बाधा आ गई। रविवार को ‘द डेली टेलीग्राफ’ ने एक रिपोर्ट में नई दिल्ली के एक सूत्र के हवाले से कहा कि भारतीय पक्ष इस बात की स्पष्टता चाहेगा कि क्या नई लेबर सरकार वार्ता को वहीं से आगे बढ़ाना चाहती है, जहां उसे छोड़ दिया गया था या नए सिरे से शुरू करेगी। सूत्र ने अखबार को बताया कि भारत सकारात्मक तरीके से दोबारा बातचीत करना चाहता है लेकिन तारीख में स्पष्टता चाहता है।
सूत्र ने कहा, “व्यापार सौदा पिछली कंजर्वेटिव सरकार में अंतिम चरण में था। अब हम यह देखना चाहते हैं कि क्या लेबर सरकार वार्ता को वहां से शुरू करना चाहती है जहां मार्च में इसे छोड़ा गया था या नए सिरे शुरू करना चाहती है। पेशेवरों के लिए वीजा पर हमारा रुख नहीं बदला है। हम लेबर सरकार में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।”
ब्रिटेन के आम चुनाव से पहले लैमी ने लंदन में ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ को संबोधित करते हुए कहा था कि उनका इरादा इस समझौते को जल्द से जल्द पूरा करना है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की दिवाली 2022 की समयसीमा चूक पर अफसोस जताते हुए कहा था, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और व्यापार मंत्री पीयूष गोयल को मेरा संदेश है कि लेबर पार्टी एफटीए वार्ता को आगे ले जाने के लिए तैयार है। आइए, अपना मुक्त व्यापार सौदा पूरा करें और आगे बढ़ें।”