लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के अभिनव गुप्त संस्थान सौंदर्य शास्त्रीय तथा शैव दार्शनिक के नवनिर्मित भव्य भवन का लोकार्पण उप मुख्यमंत्री उन्होंने लगभग तीन करोड रुपयों का आर्थिक अनुदान देकर इस भव्य भवन की संकल्पना को पूर्ण किया गया है। लोकार्पण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र, संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. नवजीवन रस्तोगी,लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. पूनम टंडन,रसायन विभाग के प्रो.वी.के. शर्मा, निर्माण अधीक्षक डॉ.दुर्गेश श्रीवास्तव, कुलानुशासक डॉ.दिनेश कुमार, अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो.मनोज अग्रवाल,वाणिज्य संकाय के आचार्य प्रो. राममिलन,प्रो.अवधेश त्रिपाठी, मानव शास्त्र विभाग के प्रो.यू.पी. सिंह सहित अनेक गणमान्य विद्वान, शोध छात्र तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
डॉ. दिनेश शर्मा ने शिलालेख का भी अनावरण किया। जिस पर संस्थान के निदेशक प्रो. बृजेश कुमार शुक्ल पद्मश्री द्वारा सुंदर श्लोक स्वर्णांकित थे । वास्तव में 5 अगस्त 1968 में प्रो. कांतिचन्द्र पाण्डेय जी द्वारा स्थापित यह संस्थान भारतवर्ष का एकमात्र सौन्दर्य शास्त्रीय तथा शैवदार्शनिक संस्थान है जो पहले एक छोटे से भवन में प्रतिष्ठित था। सुरेश सोनी सह संघवाह तथा प्रो.दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री के अनुग्रह से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धनराशि प्रदान की गई थी।
संगोष्ठी का शुभारंभ
लोकार्पण कार्यक्रम के पश्चात इसी भवन में निर्मित प्रो.कांतिचन्द्र पाण्डेय सभागार में संस्कृत वांग्मय में शिव तत्व विमर्श तथा विश्वमंगल विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री ने किया। गोष्ठी का शुभारम्भ नीमकरौरी बाबा आश्रम के विद्यार्थियों द्वारा मंत्रोच्चारपूर्वक तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र आदर्श द्वारा वैदिक मङ्गलाचरण और छात्रा माण्डवी,गजाला द्वारा सरस्वती वन्दना तथा सौम्या,अमृता द्वारा स्वागत गीत से हुआ।राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि प्रोफेसर दिनेश शर्मा ने शिव की अप्रतिम महिमा का वर्णन किया। कहा कि इस संस्थान के समुत्थान तथा संगोष्ठी के सफल संपादन की मंगल कामना के साथ अपने सर्वदा सहयोग के आश्वासन से कार्यक्रम की श्रीवृद्धि की।
अभिनवगुप्त के निदेशक पद्मश्री प्रो.बृजेश कुमार शुक्ल ने अतिथियों का माल्यार्पण कर दुकूल वस्त्रालङ्करण से स्वागत किया। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के सहयोग से आयोजित की जा रही है । इसमें उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा उन्होंने संस्कृत के प्रसार हेतु किये जा रहे कार्यों से हमें अवगत कराया। प्रोफेसर नवजीवन रस्तोगी ने अपने वैदुष्य पूर्ण भाषण से गोष्ठी का विषयप्रवर्तन किया तथा अभिनवगुप्त के शैवदर्शन एवं तंत्रालोक के विषय में जानकारी दी।
उपमुख्यमन्त्री ने अभिनवगुप्तसंस्थान को वातानुकूलित बनाने तथा इसमे रिक्त शैक्षणिक तथा अन्य पदों पर शीघ्र नियुक्तियाँ करने का एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया। गोष्ठी में अनेक प्रदेशों के लब्ध प्रतिष्ठित शैव दार्शनिक विद्वान् तथा शोधार्थियों के सौ से अधिक शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण की संभावना है जिससे संस्कृत वाङ्मय में शिवतत्त्व तथा विश्वमंगल के जो रहस्य निहित हैं वह प्रकाशित होकर लोक कल्याण का संपादन कर सकेंगे । राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रधान आयोजक प्रो.बृजेश कुमार शुक्ल, संस्थान के निदेशक तथा संयोजक डॉ. प्रयाग नारायण मिश्र ,समन्वयक अभिनव गुप्त संस्थान ने कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के संरक्षण में इस भव्य आयोजन का सफल संपादन किया।
न्यू कॉमर्स भवन का लोकार्पण
इसके अलावा उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने लखनऊ विवशविद्यालय के न्यू कॉमर्स भवन के नवीन भाग का लोकार्पण किया। वाणिज्य विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो के के सक्सेना के नाम पर इसका नामकरण किया गया।