नई दिल्ली। महाराजा नाम से मशहूर सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया Air India को तत्काल बेचे जाने की संभावनाओं को खारिज करते हुए सरकार ने इसे 2,300 करोड़ रुपए की मदद देने के लिए संसद से मंजूरी मांगी है। लगातार घाटे में चल रही एयर इंडिया को मुनाफे में लाने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं।
Air India का निजीकरण
सरकार ने एयर इंडिया Air India का निजीकरण करने की कोशिश भी की थी, जिसमें सफलता नहीं मिली। एयर इंडिया पिछले एक दशक से अधिक समय से कोई मुनाफा नहीं कमा सकी है और उस पर 8 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज है। नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने पिछले हफ्ते कहा था कि सरकार एयर इंडिया की स्थिति सुधारने के लिए चार मोर्चे पर काम कर रही है।
इसमें कंपनी को वित्तीय पैकेज दिया जाना, नए सिरे से ब्रांडिंग करना, संगठन और गवर्नेंस में सुधार के साथ कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना शामिल है। सिन्हा ने कहा था, ’रिवाइवल पैकेज अंतिम चरण में है। रिवाइवल पैकेज के तहत हम यह भी देख रहे हैं कि एयर इंडिया के लिए वित्तीय रूप से हम क्या कर सकते हैं, इसे जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। हम बेहद जटिल और विस्तृत काम कर रहे हैं।’