मुंबई। वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में SBI एसबीआई को 838.4 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की समान तिमाही में देश के सबसे बड़े बैंक ने 7,718 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। जनवरी मार्च तिमाही में एसबीआई की ब्याज आय 14.9 प्रतिशत बढ़कर 22,954 करोड़ रुपए हो गई। पर पहुंच गई है।
SBI की ब्याज आय
इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में SBI एसबीआई की ब्याज आय 19,974 करोड़ रुपए रही थी।तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 8.71 से घटकर 7.53 फीसदी और नेट एनपीए 3.95 से घटकर 3.01 फीसदी रह गया।
यह बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार का तगड़ा संकेत है। रुपए में चौथी तिमाही का ग्रॉस एनपीए 1.72 लाख करोड़ रहा, जो तीसरी तिमाही में 1.88 लाख करोड़ था। नेट एनपीए भी 80,944 करोड़ रुपए से घटकर 65,895 करोड़ रुपए रह गया।
तीसरी तिमाही की तुलना में चौथी तिमाही के दौरान एसबीआई की लोन ग्रोथ 6.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में लोन ग्रोथ 13 प्रतिशत रहा। सालाना आधार पर बैंक का ऑपरेटिंग मुनाफा भी 15,883 करोड़ रुपए से बढ़कर 16,933 करोड़ रुपए हो गया।
वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में एसबीआई का प्रोविजन कवरेज रेश्यो बढ़कर 78.73 प्रतिशत हो गया जो तीसरी तिमाही में 74.6 प्रतिशत था। चौथी तिमाही में प्रोविजनिंग की रकम भी बढ़कर 17,336 करोड़ रुपए हो गई, जो तीसरी तिमाही में 13,971 करोड़ रुपए थी। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में एसबीआई की प्रोविजनिंग 24,080 करोड़ रुपए रही थी
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में केनरा बैंक को 551.5 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में इस सरकारी बैंक ने 4,859.8 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। सालाना आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में केनरा बैंक की ब्याज आय 17.2 फीसदी बढ़कर 3,500 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई।