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सोने की खान पर कब्जा करना पाकिस्तान को पड़ा महंगा, 6 अरब डॉलर का झटका

आर्थिक मोर्चे पर बेहाल पाकिस्तान को ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह की एक अदालत ने करीब 6 अरब डॉलर का झटका दिया है. पाकिस्तान को इस झटके के बाद अपनी अमेरिका फ्रांस में अपने स्वामित्व वाली इमारतों के जब्त होने का खतरा मंडराने लगा है. पाकिस्तान ने करीब 28 साल पहले सोने का खनन करने वाली कंपनियों के साथ करार किया था. जब पाकिस्तान को अरबों डॉलर का सोना मिला तो उसकी नीयत बदल गई. पाकिस्तान ने यह समझौता रद्द कर दिया.

दरअसल, करीब 28 साल पहले पाकिस्तान सरकार ने सोने का खनन करने वाली कंपनियों के साथ करार किया था. बाद में जब यहां अरबों डॉलर का सोना निकला तो पाकिस्तान की नीयत बदल गई. उसने यह समझौता रद्द कर दिया. इसी मामले में कोर्ट ने पाकिस्तान पर 5.9 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है.

एशिया टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने पाकिस्तानी संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित रूजवेल्ट होटल पेरिस में स्थित स्क्राइब होटल की कीमत का आकलन किया जाए. इन दोनों संपत्तियों का मालिकाना हक पहले से ही खस्ताहाल चल रही सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के स्वामित्व वाली एक कंपनी के पास है. यह कंपनी ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में रजिस्टर है.

कंपनी ने लाइसेंस रद करने पर 8.5 अरब डॉलर का हर्जाना

जुलाई 2019 में विश्व बैंक के एक ट्राब्यूनल ने पाकिस्तान पर वर्ष 2011 में सोने की खान का लाइसेंस रद करने के लिए यह 5.9 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था. इस खान पर ऑस्ट्रेलिया चिली की खनन कंपनियों का स्वामित् व था. इस कंपनी ने लाइसेंस रद्द करने पर 8.5 अरब डॉलर का हर्जाना मांगा था. सबसे पहले यह समझौता पाकिस्तान की बलूचिस्तान सरकार ऑस्ट्रेलिया की खनन कंपनी ब्रोकेन हिल के बीच वर्ष 1993 में रेको डिक खान के लिए हुआ था.

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