देशभर के कई कोनों में हाड़कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। ठंड से बचाव के लिए कई लोग अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, खासकर ग्रामीण जरुर इसका इस्तेमाल करते हैं। अगर आप सर्दियों में अंगीठी या कोयला जलाते हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि यह हर किसी के लिए खतरनाक है। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं…
अगर आप सर्दियों में अंगीठी या कोयला जलाते हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि यह हर किसी के लिए खतरनाक है। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे जान जा सकती है।
डॉक्टरों के अनुसार कोयला बंद कमरे में जल रहा हो तो इससे कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ जाता है और ऑक्सिजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन सीधे ब्रेन पर असर डालता है और सांस के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। ब्रेन पर असर होने के कारण कमरे में सोया इंसान बेहोश हो जाता है।
अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। इससे धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सिजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और अंत में इंसान की मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोगों के होने से कमरे में ऑक्सिजन की और कमी हो जाती है।