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केंद्र की सरकार किसानों मजदूरों और गरीबों की प्रबल विरोधी: सुनील सिंह

लखनऊ। केंद्रीय सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ लोकदल 3 माह से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान विरोधी कानून के खिलाफ मुखर है। कृषि विरोधी तीनों कानून वापस लेने और श्रम कानूनों में प्रस्तावित मजदूर विरोधी प्रावधान वापस लेने तथा अदानी अंबानी की जागीर हिंदुस्तान नहीं यह हिंदुस्तान हमारा है या देश किसानों गरीबों और मजदूरों का आदेश है। उक्त बातें लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. सुनील सिंह ने माल एवेन्यू स्थित केंद्रीय कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के मौजूदा दौर में केंद्र सरकार कोयला खनन से लेकर सेल गेल भेल रेल एयरपोर्ट आदि सरकारी उपक्रम को अपने चंद्र पूंजीपति मित्रों के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी अपने अधीन कर लिया है। और करोना काल में ही औद्योगिक शहरों से पलायन करने वाले मजदूर जब अपने गांव आए तो दोनों को आज तक केंद्र और राज्य सरकार द्वारा रोजगार नहीं उपलब्ध कराया जा सका करो ना काल के दौरान ही।

कई माह तक आम जनता को एक और जहां नजरबंद करके रखा गया वहीं दूसरी ओर कोविड-19 का उल्लंघन करने पर भारी-भरकम जुर्माना भी वसूला गया। उन्होंने सरकार को गिरते हुए कहा है कि सरकार आप निर्भरता के नाम पर देश के प्राकृतिक संसाधनों और धरोहरों को कारपोरेट घरानों को बेच रही है। कृषि संबंधित कानून खेती किसानी को बर्बाद करने वाले किसानों को कारपोरेट घराने का गुलाम बनाने वाले तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ध्वस्त करने वाले कानून है।

उन्होंने आगे कहा है कि इन कानूनों के जरिए न केवल राज्यों के अधिकार छीन लिए गए हैं बल्कि कृषि बाजार को नियंत्रित करने वाले मंडी कानून में भी बदलाव किया गया है। इससे कृषि व्यापार करने वाले मंडी कंपनी तथा बड़े आदमियों के लिए किसानों की लूट का रास्ता साफ कर दिया गया है। इससे मंडियों में काम करने वाले लाखों मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे खाद्यान्न तथा कृषि उपज खरीदारी से सरकार अपने हाथ खींच लिया है। परिणाम स्वरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य की बची कुची संभावनाएं भी चौपट हो गई है।

ठेका खेती को देश में इजाजत दिए जाने से किसानों के पुश्तैनी अधिकार छीन जाने का खतरा भी पैदा हो गया है। अब कारपोरेट कंपनियां अपनी व्यापारिक जरूरतों के अनुसार किसानों को अपनी मर्जी से खेती करने को बाध्य करेंगे इससे छोटे किसान खेती किसानों से बाहर हो जाएंगे और भूमि हीनता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मोदी सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर सारे प्रतिबंध उठाने से कालाबाजारी और जमाखोरी बढ़ेगी, और नागरिकों को खाद्यान्न सुरक्षा पर भी संकट उत्पन्न होगा।

श्री सिंह ने कहा है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने के नाम पर श्रम कानूनों में जो मजदूर विरोधी बदलाव किए जा रहे हैं उसका सीधा फायदा उद्योगपति पूंजीपति वर्ग को ही मिलेगा। इन बदलावों में काम के घंटे 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करना भी शामिल है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय प्रवक्ता जय राम पांडे, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप हुड्डा, रमेश गुप्ता, राजकमल भास्कर, पीके ओझा आदि उपस्थित थे।

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