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केदारनाथ धाम में यात्रियों की आमद बढ़ने से इस वर्ष मंदिर की आय में आया जबरदस्त उछाल

केदारनाथ धाम में यात्रियों की आमद बढ़ने से इस वर्ष मंदिर की आय में भी जबरदस्त उछाल आया है। अब तक बाबा के खजाने में 13 करोड़ से अधिक की रकम पहुंच चुकी है, जो कि वर्ष 2018 में हुई आय की तुलना में दो करोड़ रुपये अधिक है।

अभी मंदिर के कपाट बंद होने में लगभग डेढ़ माह का समय शेष है। अच्छी कमाई होने से मंदिर समिति के कर्मचारी काफी खुश है और अब मंदिर के सौंदर्यकरण व नए अतिथिगृह के निर्माण के साथ ही कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की निकासी में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद यात्रियों की संख्या में आई भारी गिरावट के कारण मंदिर की आय लगभग नगण्य हो गई थी। इससे केदारपुरी की आर्थिकी भी पूरी तरह चरमरा गई थी। यहां तक कि मंदिर के कर्मचारी-अधिकारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में बदरीनाथ धाम की आय से केदारनाथ धाम से जुड़े कर्मचारियों को वेतन दिया गया।

इसके बाद वर्ष 2017 में मंदिर की आय में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। उस वर्ष बाबा के खजाने में नौ करोड़ की रकम जमा हुई। वहीं, वर्ष 2018 में आय का आंकड़ा 11.5 करोड़ रुपये पहुंच गया। इसमें हेली कंपनियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस वर्ष अब तक केवल हेली सेवाओं से ही मंदिर को छह करोड़ रुपये की आय हो चुकी है।

विदित हो कि हेली सेवाओं से आने वाले यात्रियों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति वीआइपी दर्शन करवाती है। इसकी एवज में प्रति यात्री 2100 रुपये की रकम मंदिर समिति के पास जमा कराता है।

मक्कूमठ में निर्मित होगा विश्राम गृह

केदारनाथ धाम की आय बढ़ने से मंदिर समिति अब तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ और भगवान के शीतकाल पड़ाव स्थल मक्कूमठ में यात्रियों के लिए विश्राम गृह का निर्माण करने जा रही है। इसके अलावा मंदिर समिति के अधीन आने वाले आयुर्वेदिक विद्यालय और संस्कृत विद्यालयों के संचालन भी अब किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।

मंदिर समिति की आय

वर्ष———————–आय

2019——————-13.40 करोड़ (15 सितंबर तक)

2018——————-11.50 करोड़

2017———————9.05 करोड़

2016———————5.30 करोड़

अब नहीं होगी कोई दिक्कत, होंगे निर्माण कार्य

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्यधिकारी एमपी जमलोकी के मुताबिक, मंदिर समिति की आय में बीते वर्ष की अपेक्षा जबरदस्त उछाल आया है। इससे समिति के अधीन संचालित होने वाली धर्मशाला, यात्री विश्राम गृह, आयुर्वेदिक विद्यालय व संस्कृत विद्यालयों का बेहतर संचालन हो सकेगा। साथ ही जीर्ण-शीर्ण मंदिरों का जीर्णोद्धार कार्य भी शुरू कर दिया गया है। कर्मचारियों के वेतन आहरण में भी अब किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।

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