नई दिल्ली। राजनीतिक विवाद का केंद्र बने राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Cag) की रपट को सरकार मंगलवार को संसद में रखेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ्रांसीसी कंपनी से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे में कथित घोटाले को लेकर सत्तासीन बीजेपी सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। इन आरोपों को सत्तारुढ दल ने खारिज किया है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार इस सौदे पर कैग की रपट मंगलवार को संसद के पटल पर रखेगी। मौजूदा 16वीं लोकसभा का वर्तमान सत्र बुधवार को समाप्त हो रहा है जो संभवत: आखिरी सत्र है। अप्रैल-मई में आम चुनाव के बाद 17वीं लोक सभा का गठन होगा।
राजीव महर्षि सौदे के समय वित्त सचिव
कैग की रपट को लेकर पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को कुछ सवाल उठाए थे। उन्होंने इस मामले में हितों के टकराव की बात उठायी है। सिब्बल ने कहा था कि मौजूदा कैग राजीव महर्षि सौदे के समय वित्त सचिव थे और इस सौदे से जुड़े थे ऐसे में उन्हें इसकी ऑडिट से अपने को अलग कर लेना चाहिए।गौरतलब है कि सिब्बल ने कहा था कि महर्षि 24 अक्टूबर 2014 से 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव थे। इसी बीच में प्रधानमंत्री मोदी 10 अप्रैल 2015 को पेरिस गए और राफेल सौदे पर हस्ताक्षर की घोषणा की।
संस्थानों को नुकसान पहुंचाने वाले CAG पर हमला
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सिब्बल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि ‘मनगढ़ंत’ तथ्यों के आधार पर कांग्रेस कैग जैसे संस्थान पर कलंक लगा रही है। रविवार को जेटली ने ट्वीट करते हुए कहा,”गलत तथ्यों के आधार पर संस्थानों को नुकसान पहुंचाने वाले कैग जैसे संस्थान पर हमला कर रहे हैं। सरकार में 10 साल तक रहने के बाद भी संप्रग के मंत्री यह नहीं जानते कि वित्त सचिव ऐसा पद है जो वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया जाता है।”
खुद के खिलाफ जांच कैसे!
सिब्बल ने कहा था, ”वित्त मंत्रालय ने इस सौदे की बातचीत में अहम भूमिका निभाई। यह साफ है कि राफेल सौदा राजीव महर्षि के की निगरानी में हुआ, जो वह कैग के पद पर हैं। उन्होंने कहा,हमने उनसे दो बार मुलाकात की 19 सितंबर और 4 अक्टूबर 2018 को। हमने उनसे कहा कि इस सौदे की जांच की जानी चाहिए क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन वह खुद के खिलाफ कैसे जांच शुरू कर सकते हैं।”