चेक इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर है। आज आरबीआई ने कहा कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम में बदलाव हो रहा है जो सितंबर 2021 तक देश के सभी बैंकों की शाखाओं में चालू हो जाएगा। वर्तमान में सीटीएस (CTS) देश के प्रमुख क्लीयरिंगहाउस में चालू है। बजट 2021 के बाद पहली बार मॉनेटेरी पॉलिसी बैठक की घोषणाएं करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, लगभग 18,000 बैंक अभी भी चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत नहीं हैं। इस प्रक्रिया के तहत, चेक जारीकर्ता क्लियरिंग के लिए प्रस्तुत किए गए चेक से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक विवरण प्रस्तुत करता है।
सीटीएस क्या है
चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लीयर करने की एक प्रक्रिया है। इसमें जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है। अगर आप सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम वाले चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका काम जल्दी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके चेक को क्लीयर होने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक नहीं जाना होगा।
इस प्रणाली के तहत चेक को क्लीयर करने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक ले जाने के बजाय इसकी इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजी जाती है, जिससे काम और आसान हो जाता है। इसके साथ ही अन्य जरूरी जानकारी जैसे एमआईसीआर बैंड, आदि भी भेजी जाती है। इसके माध्यम से समय की भी बचत होती है।
सीटीएस के कई फायदे
चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है। सीटीएस के तहत एक बैंक से चेक संबंधित दूसरे बैंक को चेक वास्तविक रूप से भेजने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से उसकी तस्वीर भेजी जाती है।
चेक के एक जगह से दूसरी जगह फिजिकल फॉर्म में न जाने के चलते लागत घटती है और चेक कलेक्शन में लगने वाला वक्त भी कम हो जाता है।चेक की इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजे जाने से इसके अलावा चेक एक जगह से दूसरी जगह फिजिकली भेजे जाने पर उसके गुम होने या डैमेज होने का खतरा रहता, लेकिन सीटीएस में ऐसा कोई झंझट नहीं है। धोखाधड़ी से बचने के लिए हेल्पलाइन स्थापित करेगा केंद्रीय बैंक