ककुवा ने भारत के प्रथम सीडीएस विपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका राजे सिंह रावत सहित 13 सैन्य अफसरों की दर्दनाक मौत पर दुःख जताते हुए कहा- हमार तौ दिमागय कामु नाइ कय रहा। आखिर यतना नीक हेलीकाप्टरु नीलगिरी पहाड़िन म कैसय अथय गा। जहाजु नीक-नीक उड़ा अउ कुछिन देरम उच्छिन्न होय गवा। इहिमा मोदी सरकार का गहन जांच करावै क चही। जेहिते दूध क दूध, पानी क पानी होय जाय। काहे ते जनरल रावत चीन अउ पाकिस्तान केरी आंखन म किरकिरी रहयँ। रावत पहिल जनरल रहय, जउन पाकिस्तान का वहिके घर म घुसि कय मारिन। विपिन केरी रननीति ते चीन का पाछे हटय क परा। उई अपनी सेना का नई नोखी अउ मारक बनाय रहे रहयं। यही कारन ते चीन अउ पाकिस्तान जनरल रावत ते बड़ा नाराज रहयं। होय सकत हय कि दुनव दुश्मन देस मिलि कय रावत का ठेकाने लागय दिहिन होय।
चतुरी चाचा आज बड़े अनमने भाव से अपने चबूतरे पर बैठे थे। वहीं पर ककुवा, बड़के दद्दा, कासिम चचा व मुंशीजी भी चुप्पी मारे बैठे थे। सुबह कोहरा और गुलाबी ठंड थी। गांव के बच्चे आज खेलने भी नहीं आये थे। पुरई गायों को चारा-पानी कर रहे थे। मेरे पहुँचते ही ककुवा ने जनरल रावत के हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की चर्चा शुरू कर दी। ककुवा का मानना था कि सीडीएस विपिन रावत का हेलिकॉप्टर किसी साजिश का शिकार हुआ है। इतना मजबूत और उन्नत हेलिकॉप्टर यूँ दुर्घटनाग्रस्त नहीं हो सकता है। इस मामले की गहराई तक जाँच होनी चाहिए। तभी भारत की जनता जनार्दन को दुर्घटना की सत्यता मालूम होगी। जनरल रावत से चीन व पाकिस्तान खौफ खाते थे। वह इन दोनों दुश्मन देशों की आंखों में चुभते थे। रावत एक तरफ चीन और पाकिस्तान को नाकों चने चबवा रहे थे। दूसरी तरफ भारतीय सेना को अत्यंत आधुनिक हथियारों से लैस कर रहे थे। साथ ही, सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए थियेटर कमांड का गठन भी कर रहे थे।
चतुरी चाचा ने ककुवा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- युह जानि लेव कि उई दिन ते नीके खाना नाइ खायेन। हेलिकॉप्टर गिरय क खबर जब ते द्याखा हय, तब ते हमार मन बहुतै खिन्न हय। वही दिन ते हुक्का नाइ पीयन हय। जनरल रावत जइस बहादुर सेनापति जुग्गाधिन म पइदा होत हयँ। बताव उनका अस्सट म जू चला गवा। उनके साथे उनकी पत्नी अउ 12 अफसर शहीद होइगै। पूरा देस अबहिंयू शोक म डूबा हय। उई हेलिकाप्टर म 14 जने सवार रहयं। खाली याक जने बचे हयँ। इ बखत देवरिया जिले क रहवइया वरुन सिंह मौत ते जंग लड़ि रहे। भगवान आकाश वीर वरुन का जीवन दान दै दें बस। फिरि वरुन बतइहैं कि कैसय का भा रहय। उहू उड़नखटोला कैसय नीचे गिरा रहय। काल्हि समाचार म बतावत रहे कि तिनव सेनाएं मिलिके जांच कय रही हयँ। कुछु दिनन बादि सबुकुछु मालूम होय जाई। जहाज केर ब्लैक बक्सा मिलिन गवा हय। वहू ते बहुत कुछु पता लागी। कुल मिलायक देस क, सेना क बड़ा नुकसान होय गवा। यहिकी भरपाई कौनिव तिना न होय पाई। इसी बीच चंदू बिटिया जलपान लेकर आ गयी। सभी प्रपंचियों ने जलपान किया। कुल्हड़ वाली स्पेशल चाय के साथ प्रपंच आगे बढ़ा।
बड़के दद्दा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- मोदी एवं योगी की की जोड़ी ने 45 साल पुरानी सरयू परियोजना को अंततः अंतिम छोर तक पहुंचा दिया। कांग्रेस, सपा व बसपा सहित अन्य दल सत्ता का सुख लेते रहे, किन्तु सरयू परियोजना को पूरा करवाने में कभी दिलचस्पी नहीं ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू परियोजना को पूरा करवा दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल उदघाटन भी कर दिया। अब इससे नौ जिलों के 30 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस क्षेत्र में नहरों से तकरीबन 15 लाख हेक्टेयर खेती की सिंचाई होगी। भाजपा सरकार ने किसानों के हित में अभूतपूर्व कार्य किये हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार ने खाद, बीज, पानी, बिजली की उपलब्धता के साथ किसानों को किसान निधि दी है। सरकार कृषि उत्पादन की पारदर्शी खरीद कर रही है। सोलर पंप और कोल्डस्टोरेज की संख्या में बढ़ोत्तरी भी हो रही है।
इस पर कासिम चचा बोले- बड़के, तुमको किसने भाजपा की घुट्टी पिला दी है। तुम खेती-किसानी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाओ। तुम नेतागिरी बड़ी अच्छी कर लोगे। अरे! भूल गए क्या? इसी भाजपा सरकार ने तीन काले कृषि कानून लागू किये थे। इसका विरोध करते हुए साल भर में कितने किसान शहीद हो गए। पूरे देश में कितना धरना-प्रदर्शन हुआ। अब जाकर प्रधानमंत्री मोदी ने माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानून वापस लिये हैं। वह भी यूपी, पँजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर राज्यों में चुनाव की डुगडुगी बजने के बाद निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने साल भर किसानों की बात नहीं मानी। अब वोट के लालच में तीनों कृषि कानून वापस ले लिये हैं। यह बात किसान भी समझता है। खाद, बीज, पानी और सरकारी खरीद से जुड़ी समस्याएं जस की तस हैं।
मुंशीजी ने कहा- कासिम भाई, तुम बड़के की गणित नहीं समझ पाओगे। इनको सभी सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिलता है। यह स्थानीय सांसद व विधायक के कृपा पात्र हैं। सरकारी अमला यह बात जानता है। तभी इनके सारे कार्य फटाफट हो जाते हैं। भाजपा के गुण यह नहीं गाएंगे तो और कौन गाएगा। हालांकि, योगी-मोदी की जोड़ी ने प्रदेश और देश में तमाम अच्छे कार्य किये हैं। सबसे बड़ी बात इनके राज में भ्रष्टाचार, घोटाला, स्कैंडल नहीं हो रहे है। विदेश में भी भारत की छवि चमकाई है। आवास, अनाज, गैस सिलिंडर-चूल्हा, शौचालय व आर्थिक मदद देकर गरीब जनता को राहत दी है। बाकी अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। आजादी के 75 साल हो रहे हैं। परन्तु, आज भी जाति/धर्म पर राजनीति हो रही है। जनता के असल मुद्दों पर किसी चुनाव में बात ही नहीं होती है। सारे राजनैतिक दल जाति/धर्म का कार्ड खेल रहे हैं।
मैंने कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में कोरोना का नया रूप ओमिक्रोन विकराल रूप धारण करता जा रहा है। भारत में भी ओमिक्रोन के करीब 40 मरीज मिल चुके हैं। दुनिया में अबतक करीब 27 करोड़ लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें 53 लाख 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अबतक तीन करोड़ 47 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें चार लाख 75 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। भारत सरकार द्वारा कोरोना का टीका निःशुल्क लगावाया जा रहा है। अबतक 131 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इसमें करीब 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को दोनों टीके लग चुके हैं। बच्चों की कोरोना वैक्सीन का अभी तक इंतजार ही हो रहा है।
विश्व में कोरोना महामारी का प्रकोप फिर से बढ़ गया है। कोरोना का ओमिक्रोन नामक नया वैरियंट कोहराम मचा रहा है। भारत में भी ओमिक्रोन वैरियंट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में मॉस्क और दो गज की दूरी का पालन जरूरी है। हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले लेनी चाहिए। सरकार को बच्चों की कोरोना वैक्सीन पर बड़ी तेजी से काम करना चाहिए। अंत में सभी प्रपंचियों ने दो मिनट का मौन रखकर जनरल रावत एवं अन्य शहीद फौजियों को अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!