• गर्भनिरोधक साधनों की पहुँच और जागरूकता के लिए मांगा सहयोग
• ड्रग व केमिस्ट समिति संग हुई एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला
वाराणसी। परिवार कल्याण में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समुदाय स्तर पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूकता, स्वीकार्यता व पहुँच बढ़ाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में रविवार को एक स्थानीय होटल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से एक दिवसीय फार्मेसी उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
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ड्रग इंस्पेक्टर एके बंसल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में गर्भनिरोधक साधनों को जनसमुदाय तक पहुंचाने में केमिस्ट एसोसिएशन से सहयोग की अपेक्षा की गयी। उन्होने कहा कि केमिस्ट के जरिये गर्भ निरोधक साधनों के लिए ग्राहकों को परामर्श देने और साधनों के प्रति समझ बढ़ाने के लिए यह अच्छी पहल है. इस तरह की कार्यशाला युवाओं को जागरूक करने के लिए कॉलेजों, विश्व विद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थान में भी होनी चाहिए जिससे युवा वर्ग गर्भनिरोधक साधनों के प्रति जागरूक हो सके। उन्होने संस्था के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि केमिस्ट समिति और उसके सभी सदस्यों से हर तरह का सहयोग मिलेगा।
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कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य ने कहा कि खुले तौर पर दिये जाने वाले गर्भनिरोधक साधनों के लिए ग्राहक के साथ केमिस्ट को भी समझ और गोपनियता रखना जरूरी है। प्रचार-प्रसार इतना आकर्षक न हो कि ग्राहक उससे प्रभावित होकर तुरंत उपयोग करने लगे। इसके लिए सबसे पहले समझ बनाना जरूरी है जिससे उसके सामाजिक जीवन पर गलत प्रभाव न पड़े। वहीं गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग में जितना सरकारी व निजी चिकित्सालयों का योगदान है उतना ही निजी केमिस्ट करें तो जनपद का हेल्थ इंडिकेटर और बेहतर हो सकता है।
एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संतोष ने कहा कि परिवार में खुशहाली लाने के साथ ही तमाम तरह की शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने में नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की अहम भूमिका है। बार-बार गर्भपात, अस्पताल के चक्कर लगाने, कमजोर होती सेहत जैसी दिक्कतों से निजात पाने और परिवार में खुशहाली लाने के लिए परिवार नियोजन के नए साधन अपनाने में ही समझदारी है। किसी भी उम्र के दंपत्ति को परिवार नियोजन सेवाओं के लिए संवेदनशील होना बेहद जरूरी है। दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार और सचिव संजय सिंह ने कहा कि कंडोम, आपातकालीन गोली, प्रेग्नेसी किट को लेकर ग्राहकों में अभी भी झिझक है इसको दूर करने में कैमिस्ट अहमा भूमिका निभा सकते हैं।
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पीएसआई इंडिया की सिटी प्रोजेक्ट मैनेजर कृति पाठक ने बताया कि परिवार नियोजन और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की बैठकें करने की जरूरत है। परिवार नियोजन में केमिस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। अधिकतर मरीज मेडिकल स्टोर पर दवा लेने के लिए हर समुदाय के लोग आते हैं।
कई बार डॉक्टर के बिना सलाह के वह साधनों का उपयोग करते हैं जिसका गलत प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में उनको जागरूक किया जाए तो इसके बेहतर परिणाम आ सकते है। कार्यशाला में पीएसआई इंडिया की ओर से कृति पाठक और अखिलेश, दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष, सचिव व सदस्य एवं थोक-खुदरा दवा व्यापारियों ने भाग लिया।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता