Breaking News

यूपी सूचना आयोग में आयुक्तों के कार्य आवंटन में चक्रीकरण की शुरुआत, एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा की मांग पर सीआईसी की बड़ी कार्यवाही

लखनऊ। यूपी सूचना आयोग के वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह आरटीआई एक्टिविस्टों की मांगों पर जमीनी कार्यवाही करते हुए सूचना आयोग की कार्यप्रणाली को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए प्रयास करते दिख रहे हैं. शायद यही कारण है कि सूचना आयुक्तों से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले यूपी के आरटीआई एक्टिविस्ट भी अब भवेश को आयोग की कार्यप्रणाली की तारीफ करने लगे हैं. ताजा मामला यूपी सूचना आयोग में आयुक्तों के कार्य आबंटन में चक्रीकरण की शुरुआत को लेकर है. राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी तेजतर्रार आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा की एक मांग पर कार्यवाही करते हुए भवेश ने बीती 5 जनवरी को आरटीआई एक्ट की धारा 15(4) के तहत एक आदेश जारी करके यूपी के सूचना आयुक्तों को आबंटित मंडलों और जिलों में बदलाव कर दिया  है.

उर्वशी बताती हैं कि यूपी के सभी मंडलों और जनपदों का आबंटन सूचना आयोग के 10 सुनवाई कक्षों में स्थाई रूप से किये जाने की व्यवस्था लम्बे समय से प्रचलित थी जिसे कोई भी मुख्य सूचना आयुक्त बदल नहीं रहा था. इस स्थाई व्यवस्था के कारण आयोग के सुनवाई कक्षों में निरंतर भ्रष्टाचार में वृद्धि की शिकायतें उनकी मोबाइल हेल्पलाइन 8081898081 पर मिल रही थीं. उर्वशी ने बताया कि आईपीएस अधिकारी रहे भवेश के मुख्य सूचना आयुक्त बनने  पर उर्वशी ने बीते साल की 15 फरवरी को भवेश को एक 12 सूत्रीय मांगपत्र दिया था. बकौल उर्वशी इस मांगपत्र के पांचवें बिंदु पर उन्होंने मांग की थी कि मुख्य सूचना आयुक्त व 10 सूचना आयुक्तों के मध्य नियत कार्यक्षेत्र तथा सुनवाई कक्षों के स्टाफ का ट्रान्सफर नहीं होने के कारण सुनवाई कक्षों में पनप चुके भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अन्य अर्ध न्यायिक संस्थाओं की भांति आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व 10 सूचना आयुक्तों को आबंटित कार्यक्षेत्र के रैंडम चक्रीकरण तथा सुनवाई कक्षों के स्टाफ का समय-समय पर रैंडम ट्रान्सफर करने की प्रक्रिया का निर्धारण करके इस व्यवस्था को लागू करें.

जब उर्वशी ने अपने मांग पत्र पर भवेश द्वारा की गई कार्यवाही पर जानकारी चाही  तो आयोग के उपसचिव और तत्कालीन जन सूचना अधिकारी तेजस्कर पाण्डेय ने बीते साल की 05 जुलाई को उर्वशी को पत्र लिखकर बताया कि उनके मांगपत्र पर बीते साल की 11 मार्च को ही आदेश पारित करके आयोग के सामान्य प्रशासन से सम्बंधित बिन्दुओं पर आयोग में उपलब्ध संसाधनों एवं अधिनियम में उल्लिखित व्यवस्था के अनुसार उचित कार्यवाही प्रचलित कर दी गई थी.  उर्वशी बताती हैं कि कई सूचना आयुक्त आये और रिटायर हो गए लेकिन लम्बे समय से मंडल और जिलों का आवंटन सुनवाई कक्ष की संख्या वार फिक्स था जिसे पहली बार भवेश ने रोटेट करके नई मिसाल कायम की है.

नई व्यवस्था में एस-3 की रचना पाल को बस्ती और कानपुर मंडल, एस-4 के सुभाष चन्द्र सिंह को गोरखपुर और देवीपाटन मंडल;एस-5 के हर्षवर्धन शाही को लखनऊ मंडल;एस-6 के अजय कुमार उप्रेती को आगरा, अलीगढ़ और वाराणसी मंडल, एस-7 की किरन बाला चौधरी को मुरादाबाद और झाँसी मंडल;एस-9 के प्रमोद कुमार तिवारी को बरेली, अयोध्या और मिर्जापुर मंडल, एस-10 के नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को प्रयागराज और सहारनपुर मंडल तथा एस-11 के राजीव कपूर को मेरठ, आजमगढ़ और चित्रकूट मंडल आबंटित किये गए हैं. उर्वशी बताती हैं कि सुनवाई कक्ष एस-2 पूर्व से रिक्त है और एस-8 आगामी 10 जनवरी को रिक्त हो रहा है अतः यह नई व्यवस्था आगामी 10 जनवरी से लागू होगी.

एक्टिविस्ट उर्वशी और उनकी पूरी टीम ने सीआईसी भवेश को सार्वजनिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपेक्षा  की है कि भवेश अपने अवशेष कार्यकाल में भी आयोग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और सुकर बनाने के लिए निरंतर कार्यशील रहेंगे.

About Samar Saleel

Check Also

25 मीटर ऊंची हाईटेक चिमनी से नहीं उड़ेगी चिता की राख, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर हो रहा काम

वाराणसी:  मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर 25 मीटर ऊंची हाईटेक चिमनी बनाई जाएगी ...