महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चलने की अटकलें हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा है और दो टूक कहा है कि इस्तीफा दे देंगे।
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने शुक्रवार को कल्याण-डोंबिवली यूनिट के बीजेपी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ नेता हैं, जोकि सेल्फिश पॉलिटिक्स कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना को समर्थन नहीं देने का प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद आई है। सांसद श्रीकांत शिंदे ने इस्तीफे तक की पेशकश कर दी।
यह प्रस्ताव बीजेपी के मंत्री रवींद्र चव्हाण की उपस्थिति में श्रीकांत के कल्याण निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित एक बैठक के दौरान पारित किया गया था। महाराष्ट्र में गठबंधन करने वाली दोनों पार्टियों के बीच दरार की वजह भाजपा के डोंबिवली पूर्वी मंडल के अध्यक्ष नंदू जोशी के खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ का मामला माना जा रहा है। स्थानीय बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि जोशी को शिवसेना नेताओं ने राजनीतिक बदला लेने के लिए फंसाया था।
हालांकि, श्रीकांत शिंदे ने यह भी कहा कि दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच कोई गलतफहमी नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना का लक्ष्य केंद्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन और गठबंधन की सरकार बनाना है। उन्होंने कहा, “अगर कोई इस दिशा में हमारे द्वारा किए जा रहे काम का विरोध करता है, अगर कोई नाराज होता है और अगर गठबंधन में कोई बाधा आती है तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।” बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 45 सीटों पर जीत मिली थी।
श्रीकांत शिंदे ने कहा कि पार्टी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ”इसके लिए हम पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन कुछ वजहों से डोंबिवली के कुछ नेताओं द्वारा सेल्फिश पॉलिटिक्स की जा रही है।”
शिवसेना सांसद ने यह भी कहा कि वह किसी पद की आकांक्षा नहीं रखते हैं और यह गठबंधन के वरिष्ठ नेता हैं जो इस बात का फैसला करेंगे कि आगामी लोकसभा चुनाव में किसे नामित किया जाए। श्रीकांत शिंदे ने कहा, “भले ही मुझे नामांकित नहीं किया गया, हम सर्वसम्मति से जो भी उम्मीदवार होगा उसके लिए प्रचार करेंगे और उसे जिताएंगे।”