लखनऊ। विद्यांत हिन्दू पीजी कॉलेज के वाणिज्य विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत ‘क्या निजीकरण राष्ट्रहित में है’-विषय पर विद्यार्थियों की वाद विवाद प्रतियोगिता भी हुई। जिसमें कमल मित्तल को प्रथम,सांभवी तिवारी को द्वितीय और वल्लभ शर्मा को तृतीय पुरष्कार मिला।
प्रबंधक शिवशीष घोष ने विजेताओं को पुरष्कृत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही सामयिक विषयों पर विषयों पर विद्यार्थियों को जागरूक रहना चाहिए। इसके पहले प्राचार्या प्रो धर्म कौर ने संगोष्ठी का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जीवकोपार्जन के लिए रोजगार आवश्यक है।
इसके साथ ही अच्छा इंसान व श्रेष्ठ नागरिक बनना भी जरूरी है। विषय प्रवर्तन विभागाध्यक्ष डॉ राजीव शुक्ला ने किया। उन्होंने कहा कि भारत में पब्लिक व प्राइवेट दोनों सेक्टरों के बीच समन्वय आवशयक है। सभी बेरोजगारों को पब्लिक सेक्टर में समायोजित करना संभव नहीं हो सकता।
ऐसे में प्राइवेट सेक्टर की भी उपयोगिता है। किंतु स्वास्थ्य जैसे विषय पब्लिक सेक्टर में प्रभावी रूप में शामिल रहने चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान यह तथ्य प्रमाणित हुआ है।
संगोष्ठी के संयोजन डॉ. मोहम्मद हनीफ थे। विद्यार्थियों की प्रतियोगित हेतु निर्णायक मंडल में डॉ. राकेश कुमार मिश्र, डॉ. अमित वर्धन, डॉ. मनीष सिंधवी व डॉ. संजय सिंह यादव शामिल थे। संचालन कोमल गौरव ने किया।
संगोष्ठी में डॉ. दीप किशोर, डॉ. शशिकांत, डॉ. ममता भटनागर, डॉ. दिनेश मौर्य, डॉ. अभिषेक वर्मा, डॉ. शांतनु श्रीवास्तव, डॉ. गीतेश गुप्ता, डॉ. कौटिल्य श्रीवास्तव, डॉ. ऋषभ रंजन ने भी विचार व्यक्त किये।