- उनहोंने कहा कि सीवर लाइन, चीनीमिलों एवं कत्ल्खानों का गंदा पानी नदी में जाना बंद किया जाये।
- वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र ने कहा कि पानी की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाय।
- रिवरफ़्रॉन्ट पर निर्माण कार्य को रोका जाय।
Gomti, पुराने स्त्रोतों को किया जाये जागृत
पूर्व एमएलसी विंध्यवासिनी कुमार ने कहा कि जल के पुराने स्त्रोतों को पुनः जागृत किया जाय। नदियों की तलहटी में निर्माण न किया जाये। अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एलपी मिश्र ने कहा कि पूजन सामग्री और मृत अवयव नदी में न डालकर नदी की मौलिकता को बचाया जाये। लोकभारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पल सिंह ने कहा कि गोमती को बचाने के लिए मिलजुलकर प्रयास करने होंगे। यदि गोमती का संरक्षण नहीं हुआ तो पानी भीषण समस्या पैदा हो जायेगी। हलमा के जनक महेश शर्मा ने कहा कि नदियों को बचाने के लिए जरूरी है कि बुद्धिजीवी श्रमजीवी बनें।
- यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रकृति को बांधा नहीं जा सकता।
- गोमती के प्रवाह को अविरल व निर्मल बनाने के लिए तय दूरी में टोली बनाकर जवाबदेही के साथ काम करना होगा।
- प्रो शीला मिश्र (लविवि) ने गोमती संरक्षण अभियान में युवाओं की भागीदारी को बढाने पर जोर दिया।
- उद्द्योग भारती के प्रशांत भाटिया ने गोमती को मां मानते हुए उनके संरक्षण के लिए सबको पूरे मनोयोग से कम करना होगा।
लोक भारती अभियान के माध्यम से करेगी गोमती संरक्षण
गोपाल उपाध्याय ने गोमती संरक्षण अभियान के तहत लोक भारती के कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गोमती तभी बच पाएगी, जब समाज का हर वर्ग इस अभियान से जुड़कर अपना योगदान देगा।
- आचार्य चंद्र भूषण तिवारी, कृष्णानंद राय,डॉ अनिल मिश्र, आदर्श व्यापर मंडल के संजय गुप्त, पंकज भूषण, अतुल अस्थाना, आरके जैन, डॉ ए पी तिवारी, डॉ सुषमा मिश्र, महंत रामसेवक दास आदि ने भी विचार रखे।
- कार्यक्रम में प्रेमशंकर अवस्थी, श्रीकृष्ण चौधरी, रामशरण, डॉ भारती पांडेय, डॉ एस पी त्रिपाठी, कैप्टन सुभाष ओझा, डॉ प्रवीण, शेखर त्रिपाठी, राजेंद्र भोंवाल, डॉ हिमांशु गंगवार समेत बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी एवं समाजसेवी मौजूद रहे।