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“जेंडर एंड सोसायटी” विषय पर 7 दिवसीय कार्यशाला का समापन, विद्वानों तथा शिक्षकों ने जेंडर से जुड़े सामाजिक व अन्य पहलुओं पर रखें अपने अपने विचार 

लखनऊ। खुन खुनजी गर्ल्स पीजी कॉलेज, लखनऊ समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, अलका महाविद्यालय जगतसिंहपुर उड़ीसा, तथा शासकीय विश्वनाथ यादव तमस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में “जेंडर एंड सोसायटी” विषय पर 7 दिवसीय वर्चुअल राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 1-1-23 से 7-1-23 तक किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जेंडर इश्यूज तथा इससे जुड़े अन्य सामाजिक मुद्दों व पहलुओं पर विषय से जुड़े विद्वानों तथा शिक्षकों व शोधार्थियों के मध्य सार्थक विमर्श हेतु मंच उपलब्ध कराना था।

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कार्यशाला का शुभारंभ लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो डीआर साहू द्वारा स्वागत उद्बोधन के साथ हुआ। प्रथम दिवस की अध्यक्षता प्रोफेसर राकेश चंद्र विभागाध्यक्ष दर्शनशास्त्र एवं वुमन स्टडीज डिपार्टमेंट द्वारा की गई। राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रो रश्मि जैन द्वारा वूमेन एंड इंडियन सोसायटी: डेमोग्राफिक प्रोफाइल विषय पर व्याख्यान दिया गया, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज तथा महिलाओं से जुड़े जनांकिकीय विषयों पर चर्चा की।

कार्यशाला के दूसरे दिवस के प्रथम सत्र में प्रो सुनीता कुमार, समाजशास्त्र विभाग नारी शिक्षा निकेतन स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ द्वारा सेक्स वर्सिस जेंडर तथा मैस्क्युलिनिटी वर्सेस फेमिनिटी विषय पर अपने विचार रखें, अपने वक्तव्य में उन्होंने इन सभी शब्दावली  को परिभाषित करते हुए इनके अर्थ व जेंडर आईडेंटिटी जैसे विषयों व प्रासंगिकता पर विस्तृत चर्चा की।

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द्वितीय सत्र में डॉ मंजू धौंडियाल, ओएसडी, उत्तराखंड प्रशासनिक अकैडमी नैनीताल द्वारा महिला सशक्तिकरण तथा कानूनी प्रावधानों विषय पर विस्तार से चर्चा की गई जिसमें उन्होंने बड़े ही सहज ढंग से महिला सशक्तिकरण को सही अर्थों में परिभाषित करते हुए भारतीय सामाजिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला साथ ही विभिन्न कानूनी प्रावधान जो महिला सशक्तिकरण हेतु बनाए गए हैं उन पर भी विस्तृत चर्चा की सत्र के अंत में शोधार्थियों तथा प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

तृतीय दिवस के प्रथम सत्र में प्रो सुकांत चौधरी समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा नारीवाद तथा उसके सैद्धांतिक अभिविन्यास विषय पर अपने विचार रखें तथा विभिन्न सिद्धांतों की संक्षिप्त मीमांसा कर सभी की जिज्ञासाओं का समाधान किया, द्वितीय सत्र में डॉ सरोज ढाल समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा भी इसी विषय पर ही नारीवाद के अन्य सैद्धांतिक परिपेक्ष्य पर चर्चा की गई।

चतुर्थ दिवस के प्रथम सत्र में प्रो. श्वेता प्रसाद समाजशास्त्र विभाग बीएचयू बनारस द्वारा नारीवादी पद्धतिशास्त्र तथा नारीवादी ज्ञान मीमांसा के विभिन्न उपागम पर विस्तृत चर्चा की गई तथा इन विषयों पर शोध हेतु नवीन उपागम पर भी प्रकाश डाला गया, द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. रजनी वाला, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र बीयूसी महाविद्यालय बटाला, गुरदासपुर, पंजाब द्वारा ज्ञान के नारीवाद समाजशास्त्र तथा मुख्यधारा शोध की समालोचना विषय पर तार्किक चर्चा की गई जिसमें उन्होंने इस विषय से संबंधित पूर्व तथा वर्तमान में प्रचलित विभिन्न शोध तथा शोध प्रणालियों पर भी अपना तुलनात्मक दृष्टिकोण रखा के अंत में प्रश्न उत्तर द्वारा प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

पंचम दिवस के प्रथम सत्र में श्री विनय जी समाजशास्त्र विभाग डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ द्वारा पारिस्थितिकी नारीवाद विषय पर व्याख्यान दिया गया तथा प्रतिभागियों से चर्चा की गई द्वितीय सत्र में प्रो राकेश चंद्र महिला अध्ययन केंद्र लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा फेमिनिस्ट स्टैंडपोइंट एंड मैस्क्युलिन वर्सेस फेमिनिन मॉडल्स ऑफ इंटरव्यूइंग विषय पर चर्चा की गई तथा प्रतिभागियों के प्रश्नों का सत्रांत में उत्तर दिया गया।

षष्टम दिवस के प्रथम सत्र में प्रोफेसर बीबी मलिक समाजशास्त्र विभाग डॉ अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ द्वारा नारीवाद के सबअल्टरन दृष्टिकोण की व्याख्या करते हुए  प्रतिभागियों से चर्चा की गई, द्वितीय सत्र में डॉक्टर हाजरा मसूद समाचार विभाग करामत हुसैन मुस्लिम कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के उभरते परिदृश्य पर विचार रखे गए तथा इसकी महत्वता पर चर्चा की गई दोनों सत्रों के अंत में प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान भी किया गया l सातवें व समापन दिवस पर अंतिम सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो आभा चौहान अध्यक्ष- इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसाइटी ने  नारीवाद की प्रथम द्वितीय व तृतीय लहर पर अपना विस्तृत व्याख्यान देते हुए प्रतिभागियों के साथ चर्चा भी की। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो राजेश मिश्रा पूर्व विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा की गई जिन्होंने नारीवाद जेंडर इश्यूज तथा जुड़े अन्य मुद्दों को रेखांकित करते हुए संक्षेप में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया सत्र के अंत में आभार प्रदर्शन डॉ प्रमोद गुप्ता समाजशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा किया गया।

कार्यशाला में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की जिनमें प्राध्यापक शोधार्थी व पीजी छात्र भी सम्मिलित रहे आयोजन में देश के सभी क्षेत्र से प्रतिभागी जुड़े उत्तर पूर्व ,दक्षिण, जम्मू कश्मीर उड़ीसा मध्य भारत के साथ ही विदेश (यूएसए) से भी प्रतिभागी इस कार्यशाला में जुड़े तथा सातों दिवस सक्रिय प्रतिभागीता प्रदान की। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री के रूप डॉ प्रदीप्ता रंजन एवं डॉ सुचित्रा शर्मा द्वारा सहयोग दिया गया. सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला डॉ अंशु केडिया के विशेष मार्गदर्शन में आयोजित की गई कार्यशाला के दौरान डॉ प्रतिभा राज, डा विनीता लाल, शालिनी यादव, अपर्णा सेंगर, ज्योत्सना पांडे, बुशरा फातिमा, महेश गर्ग अंजू बेनीवाल जया पांडे सुप्रिया सिंह स्नेहलता शिवहरे रुचि यादव श्वेता शुक्ला मेघना अरोरा पारुल सिंह, ऐशना वर्मा आदि सभी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।

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