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‘ईको फ्रेंडली’ में डीडीयू चिकित्सालय प्रदेश में अव्वल

• 93.81 फीसदी अंक हासिल कर मिला प्रथम स्थान

• स्वच्छता अभियान के अंतर्गत चिकित्सालय में हो रहा सुधार

वाराणसी। पाण्डेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय को एक और उपलब्धि हासिल हो गई है। कायाकल्प अवार्ड और एनक्वास सर्टिफिकेशन के साथ ही अब चिकित्सालय को ‘ईको फ्रेंडली अवार्ड’ से नवाजा गया है। चिकित्सालय को प्रदेश में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रथम स्थान से पुरस्कृत किया गया है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने डीडीयू चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह को ‘ईको फ्रेंडली अवार्ड’ का पत्र भेजते हुये इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ आरके सिंह ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि डीडीयू चिकित्सालय को एक के बाद एक अवार्ड प्राप्त हुये हैं। चिकित्सकों एवं समस्त स्टाफ के बेहतर प्रयास और गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने की वजह से चिकित्सालय यह उपलब्धि हासिल हुई है। इस कार्य में क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके लिए उन्होने डॉ सोलंकी सहित समस्त चिकित्सक व स्टाफ को बधाई दी।

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मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने बताया कि डीडीयू चिकित्सालय ने स्वच्छता अभियान के दृष्ठिगत ‘ईको फ्रेंडली अवार्ड’ (वर्ष 2022-23) के लिए शासन की ओर से निर्धारित सभी मानकों को पूरा कर प्रदेश में सर्वाधिक 93.81 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।

डीडीयू चिकित्सालय ने वर्ष 2022-23 के लिए कायाकल्प अवार्ड, एनक्वास सर्टिफिकेशन के साथ ही ईको फ्रेंडली अवार्ड भी प्राप्त कर लिया है। ईको फ्रेंडली अवार्ड के तहत चिकित्सालय को 10 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी जो मरीजों की सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे।

डॉ सोलंकी ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड की तरह ईको फ्रेंडली अवार्ड में त्रिस्तरीय मूल्यांकन होता है। मूल्यांकन में बायोमेडिकल वेस्ट का प्रबंधन, इंफ्लुएंट और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का सक्रिय संचालन, बाउंड्री वॉल से बाहर की सफाई व्यवस्था, अस्पताल में पौधरोपण, पेयजल की गुणवत्ता और उपलब्धता और ग्लास आदि को रिसाइक्लिंग करके पौधे आदि लगाने का पैमाना रख गया। साथ ही ऊर्जा संरक्षण पर व्यापक कार्य किया गया जिस कारण प्रदेश का कोई अस्पताल अंकों में आसपास भी नहीं आ सका।

चिकित्सालय में सोलर पैनल, एलईडी बल्ब, बेहतर रेटिंग इलैक्ट्रिक सामान, बिना प्रयोग के कंप्यूटर व विद्युत उपकरण बंद रखने, प्लास्टिक प्रतिबंधित, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, कूड़ा-कचरा प्रबंधन, धूम्रपान निषेध, हरा-भरा वातावरण, प्राकृतिक रोशनी का सदुपयोग, योगा कक्ष, ध्यान कक्ष, रैन बसेरा, गोबर गैस प्लांट, शोर मुक्त वातावरण आदि के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण का सफल उदाहरण प्रस्तुत किया। इससे चिकित्सालय ने सभी पैमानों पर खरा उतर कर अव्वल स्थान प्राप्त किया।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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