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सुपोषण अभियान की व्यापक कार्य योजना

          डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

प्रचीन भारत के ऋषियों ने सभी के लिए जीवेत शरदः शतम की कामना की थी,अच्छे सवास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी बताया था। इसके लिए आहार, विहार, योग, यम, प्राणायाम का मंत्र दिया। उस अनाज के सेवन का सन्देश दिया, जिसे मोटा अनाज नामकरण से उपेक्षित किया गया। प्रकृति के निकट रहने, उसके संरक्षण व संवर्धन के सुझाव दिया। गौ दुग्ध का महत्व बताया। इसलिए गौ सेवा का मंत्र दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके दृष्टिगत फिट इंडिया अभियान का शुभारंभ किया था।

इसी प्रकार सुपोषण के प्रति जागरूकता का भी अभियान चलाया गया। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन वर्ष पूर्व अपने सरकारी आवास से सुपोषण अभियान का शुभारंभ किया था। इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। इसके लिए महंगे खाद्य पदार्थों का सेवन अनिवार्य नहीं होता। प्रकृति अनेक खाद्य पदार्थ सहज रूप में उपलब्ध कराती है। इनका सेवन स्वास्थ्य वर्धक होता है।

कुछ दशक पहले तक भारत में यह सब हमारी जीवन शैली में समाहित था। आधुनिक सभ्यता ने इसका महत्व कम किया। वर्तमान सरकार भारत की परम्परागत जीवन शैली को पुनः अपनाने के प्रति लोगों को जागरूक बनाना चाहती है। सुपोषण अभियान का यही उद्देश्य है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ किया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेश के चौबीस जनपदों के पांच सौ उनतीस आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण किया।

आनन्दी बेन ने कहा कि देश व प्रदेश को सशक्त, सक्षम एवं समृद्ध बनाने के लिए महिलाओं,बालिकाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के पोषण के लिए उल्लेखनीय प्रयास किया गया है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय आवश्यक है।

महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण दूर करने सम्बन्धी कार्यक्रमों के परिणामों का अध्ययन कराकर उन्हें और बेहतर बनाया जा सकता है। कुपोषण से छुटकारा दिलाने में जनसहभागिता की उपयोगी भूमिका है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को समर्थ और सशक्त राष्ट्र के रूप में विकसित करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए महिलाओं एवं बच्चों का पोषण आवश्यक है।

इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री द्वारा देश में प्रतिवर्ष सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाये जाने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत अनेक प्रकार की गतिविधियों पर विशेष बल दिया जाएगा। पोषण माह के प्रथम सप्ताह में पोषण वाटिका की स्थापना हेतु पौधरोपण अभियान संचालित किया जाएगा। इसके तहत सरकारी स्कूलों,आवासीय स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों,ग्राम पंचायत की अतिरिक्त भूमि पर पौधरोपण किया जाए। माह के दूसरे सप्ताह में योग एवं आयुष से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

इस दौरान किशोरियों,बालिकाओं गर्भवती महिलाओं को केन्द्रित करते हुए योग सत्रों का आयोजन किया जाएगा। तृतीय सप्ताह के दौरान पोषण सम्बन्धी प्रचार प्रसार सामग्री,अनुपूरक पोषाहार वितरण आदि से सम्बन्धित कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। चौथे सप्ताह के दौरान सैम व मैम बच्चों के चिन्हांकन का कार्य किया जाएगा।

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