उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में इस बार भाजपा को जहां झटका लगा है, वहीं Congress जैसी राष्ट्रीय पार्टी 7 वीं बार अपनी जमानत जब्त करवा बैठी है। गोरखपुर में भगवा के मजबूत गढ़ को सपा और बसपा ने गठबंधन करते हुए विजय हासिल की है।
Congress फेल, भाजपा का पिछले 29 सालों का टूटा रिकार्ड
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के प्रभाव वाली इस लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी प्रवीन निषाद ने जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस ने भी लगातार सातवीं बार जमानत जब्त करवाकर अपना रिकार्ड बना डाला है। राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस के लिए यह एक बहुत बड़ा दाग है।
- उपचुनाव में कांग्रेस ने इस बार डा. सुरहिता करीम को मैदान में उतारा था।
- लेकिन वह अपनी जमानत तक बचाने में सफल नहीं हो सके।
- उन्हें केवल 18858 वोट मिले।
2014 से 1998 तक सात बार जमानत गवां बैठी कांग्रेस
वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने अष्टभुजा प्रसाद त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा था। जिसमें राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के साथ सपा और बसपा भी मोदी लहर में बह गये। कांग्रेस 45693 वोट हासिल करने के बाद भी अपनी जमानत नहीं बचा सकी। 2009 में कांग्रेस के टिकट पर लाल चंद निषाद चुनावी रण में उतरे और मात्र 30262 वोट हासिल करते हुए अपनी जमानत गवां बैठे। 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने शरदेंदु पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन वह भी 33477 वोट हासिल कर जमानत गवां बैठे। 1999 में कांग्रेस ने गोरखपुर से डॉ. सैयद जमाल को उतारा। उन्होंने पहले से भी कम 20026 वोट ही हासिल किये और जमानत जब्त करवा दी।
- 1998 में कांग्रेस की ओर से हरिकेश बहादुर चुनाव मैदान में उतरे।
- लेकिन कुछ कमाल नहीं कर सके।
- वह 22621 वोट हासिल कर जमानत गवां बैठे।
- 1996 के चुनाव में हरिकेश बहादुर ने 14549 वोट ही हासिल किये थे और जमानत गवां बैठे थे।
8326 मत नोटा पर पड़े
गोरखपुर उपचुनाव में जनता ने 8326 मत नोटा पर डाला। जबकि भगवा गढ़ में सेंधमारी करते हुए सपा प्रत्याशी प्रवीन निषाद ने 29 वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए जीत हासिल की है।
- उन्होंने भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ल को 21881 मतों से हराया।
- प्रवीन निषाद ने चुनाव में 456513 मत हासिल किये।
- वहीं भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला को 434632 वोट मिले।