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कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का प्रधानमंत्री से सवाल : भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम सूचना थी या अमेरिका का आदेश

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) द्वारा सोशल मीडिया पर भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम (India-Pakistan Ceasefire) की घोषणा करने से भारत में मोदी सरकार के प्रति आक्रोश (Anger Against Modi Government) है। सांसद, उप नेता, राज्यसभा उप नेता प्रमोद तिवारी (Deputy Leader, Rajya Sabha Pramod Tiwari) ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया को भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम होने के संदेश को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को कठघरे में खड़ा किया है। श्री तिवारी ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि यह सूचना थी या अमेरिका का आदेश था।

प्रमोद तिवारी ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा है कि जब पहलगाम में 26 निर्दोष देश वासियों की हत्या से आहत भारत की सेना के साथ संपूर्ण विपक्ष और हर भारतवासी मजबूती के साथ खड़ा था तो उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को संदेश दे दिया कि भारत पाकिस्तान का युद्ध विराम हो गया। यह सूचना थी या अमेरिका का आदेश था। श्री तिवारी ने कहा कि हर भारत वासी युद्ध विराम की घोषणा नयी दिल्ली से होने की अपेक्षा करता था, किन्तु ऐसा नहीं हुआ, इसीलिये आज हर भारतवासी को ‘मदर्स डे’ पर इन्दिरा गाँधी के वर्ष 1971 का दौर बहुत याद आ रहा है।

सांसद, उप नेता, राज्यसभा ने कहा है कि वर्ष 1971 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने भारत-पाकिस्तान युद्ध में बंगलादेश में बढ़ती हुई भारतीय सेनाओं को रोकने के लिये भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी से बात करनी चाही तो उन्होंने उनसे निर्देश लेने से मना कर दिया। तब अमेरिका ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली और ताकतवर “सातवाँ बेड़ा” वंगाल की खाड़ी में उतार दिया, लेकिन इन्दिरा गाँधी झुकी नहीं और रुकी नहीं। वो अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर रही, जब तक पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने आत्म समर्पण नहीं कर दिया और जब तक बंगलादेश नहीं बना दिया, तब तक भारतीय सेना का पराक्रम जारी रहा।

श्री तिवारी ने का है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाय और पहलगाम के ऑपरेशन सिन्दूर तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत तथा पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किये गये संघर्ष विराम के विषय पर संसद का “विशेष सत्र” आहूत किया जाय ताकि इन सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा हो सके ।

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिये “तटस्थ मंच” का उल्लेख अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा किया जाना कई सवाल खड़ा करता है। क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है ? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिये दरवाजे खोल दिये हैं ? हमारा दृढ़ मत है कि काश्मीर का, जो हिस्सा अनाधिकृत रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है, उस पाक अधिकृत कश्मीर (POK) का जर्रा- जर्रा “भारत माता” का अटूट हिस्सा है।

श्री तिवारी ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस “मोदी सरकार” से यह पूँछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं ? हमने पाकिस्तान से कौन सी प्रतिबद्धतायें मांगी है? और हमें क्या मिला है? श्री तिवारी ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर कल शाम को की गयी टिप्पणियों की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहती है, इन टिप्पणियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री को स्वयं जवाब देना चाहिए।

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