Breaking News

सम्मानजनक समझौते के बिना उपचुनाव में नहीं उतरेगी कांग्रेस, अखिलेश की गलतफहमी दूर करने पर भी है निशाना

यूपी में नौ सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव (By-election) से कांग्रेस ने फिलहाल किनारा कर लिया है। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर की दो विधानसभा सीटें दी है, जबकि कांग्रेस अपने लिए पांच सीटों पर दावेदारी कर रही है। कांग्रेस गाजियाबाद और खैर की बजाय अपने लिए सीसामऊ, फूलपुर और मझवां सीटों पर दावेदारी कर रही है। इन सीटों पर समाजवादी पार्टी से बात न बनते देख कांग्रेस ने दबाव बढ़ा दिया है। पार्टी ने कहा है कि यदि उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो वह चुनाव से दूर रहेगी।

बहराइच हिंसा पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान, भाजपा पर लगाया दंगा कराने का आरोप…

सम्मानजनक समझौते के बिना उपचुनाव में नहीं उतरेगी कांग्रेस, अखिलेश की गलतफहमी दूर करने पर भी है निशाना

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी पेंच गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटों को लेकर है। ये दोनों सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस लंबे समय से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। यदि उपचुनाव में वह इन सीटों पर उतरती है तो भी उसके लिए जीत की संभावनाएं बहुत कम रहेंगी।

जबकि यदि फूलपुर और मझवां सीटों पर वह उतरती है तो न केवल उसको जीत मिल सकती है, बल्कि इन क्षेत्रों में उसकी कमजोर होती पकड़ को भी मजबूती मिल सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस ने इन सीटों को लेकर अपना दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके अखिलेश यादव के लिए पीछे हटना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि दोनों दलों में पेंच फंस गया है।

Please watch this video also

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, यूपी अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश में पार्टी की स्थिति को देखते हुए अपनी ओर से मजबूत दावेदारी करने के अपने निर्णय से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया है। अब सपा और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस पर अंतिम निर्णय लेगा।

लेकिन ज्यादा संभावना इसी बात की है कि यदि सपा कांग्रेस को उसके मन मुताबिक सीटें नहीं देती है तो कांग्रेस उपचुनाव में नहीं उतरेगी। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, सपा को सीटों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार करना पड़ेगा।

अखिलेश की गलतफहमी दूर करना भी लक्ष्य

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन को किन कारणों से सफलता मिली थी, इसको लेकर अखिलेश यादव के मन में कुछ गलतफहमी है। उन्हें लगता है कि उन्होंने जो पीडीए समीकरण बनाया था, वह उनके पक्ष में गया है। जबकि कांग्रेस नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी ने संविधान और आरक्षण को लेकर जो माहौल बनाया था, उसके कारण पिछड़े, दलित और मुसलमान कांग्रेस-सपा गठबंधन के साथ आए और उसे जीत मिली।

About News Desk (P)

Check Also

अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमत निवास में चल रहा है संगीतमयी श्री राम चरित मानस पाठ

अयोध्या। सिद्ध पीठ हनुमत निवास में भगवान श्रीराम और हनुमान के पूजन के साथ राम ...