लखनऊ। राजधानी में लॉकडाउन होने के बावजूद कई जगह निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण गोमतीनगर थाना अंतर्गत विपुल खण्ड स्थित सिटी मॉल में देखने को मिला। जहां मॉल की चौथी मंजिल पर एक सप्ताह से निर्माण कार्य चल रहा था। जिसमें करीब 9 मजदूर काम कर रहे थे।इन्हीं मजदूरों में शामिल ललित (40) पुत्र सोहन लाल निवासी 344/108, भवानीगंज, थाना बाजारखाला, जनपद लखनऊ की आज चौथी मंजिल से गिरने से मौत हो गई।
चूंकि निर्माण कार्य लॉकडाउन के दौरान कराया जा रहा था और यहां धारा 144 भी लागू है। ऐसे में कोई बखेड़ा ना खड़ा हो इसलिए मुख्य आरोपी ललित को एक लाल रंग की कार (UP 32 CK5654) में चुपके से डालकर सीधे अपने संबंधी के अस्पताल (नीरा हॉस्पिटल) ले जाकर छोड़ दिया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आनन फानन में आरोपियों ने वापस घटना स्थल पर पहुंचकर बाकी के मजदूरों को छुट्टी देकर उन्हें घटना स्थल से हटा दिया।
सूत्रों की माने तो मजदूर ललित की मौत के बाद कानूनी कार्रवाई से बचने के इरादे से नीरा हॉस्पिटल के मालिक ने आरोपित को दूसरी जगह पर दिखाने के बहाने डेड बॉडी को गाड़ी में रखकर गायब करने की सलाह दी। आरोपित वाहन लेकर नीरा हॉस्पिटल पहुंचा भी, लेकिन वो अपने मकसद में कामयाब होता इसके पहले मृतक के परिजन सूचना पाकर नीरा हॉस्पिटल पहुंच चुके थे। मृतक के परिजनों का कहना है कि उन्होंने गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। लेकिन अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। दबी जुबान से सिटी मॉल के सिक्योरिटी गार्डों ने निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर के गिरकर घायल होने की बात स्वीकार भी किया है। मजे की बात तो यह है कि लॉकडाउन में बंद पड़े मॉल में चल रहे निर्माण कार्य की जानकारी न तो ठीक बगल में मौजूद चौकी इंचार्ज को थी और न ही सुबह 11 बजे घटित इस घटना की जानकारी शाम 5 बजे तक थानाध्यक्ष गोमतीनगर को थी। ऐसे में लॉकडाउन के पालन और कानून व्यवस्था को लेकर उनकी जिम्मेदारियों पर सवाल खड़ा करना बनता है।