Breaking News

कोरोना: बेरोजगारी की मार, बिहार में बंद हुए 4352 प्ले स्कूल, 20 हजार से ज्यादा शिक्षकों की गई नौकरी

कोरोना वायरस का कहर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि अब जिंदगी के साथ-साथ जीने का सहारा भी छीन लिया जा रहा है. कोरोना के चलते से शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. कोरोना की वजह से दो सालों में बिहार के 4352 प्ले स्कूल बंद हो गए. वहीं ऑनलाइन क्लासेस की वजह से 1432 स्कूल एक कमरे में शिफ्ट हो गए हैं. इससे प्ले स्कूल  में पढ़ रहे 40 हजार बच्चे प्रभावित हुए हैं. ये बच्चे अब स्कूल में नामांकित नहीं है.

प्ले स्कूलों के बंद होने से 20,272 शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी बेरोजगार हो गए हैं. यह स्थित कोई एक पटना शहर की नहीं है बल्कि बिहार के भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और रोहतास समेत कई जिलों में खुले प्ले स्कूलों की है. शिक्षा व्यवस्था को बुरी तरह नुक्सान पहुंचने के साथ-साथ रोजगार पर भी इसका बड़ा असर दिखने लगा है. किड्जी, डीपीएस जूनियर, सेमरॉक आदि फ्रेंचायजी पर तल रहे प्ले स्कूलों की स्थिति भी बहुत दयनीय है.

पूरे बिहार में 8,976 प्ले स्कूल मान्यता प्राप्त हैं. राज्य के विभिन्न शहरों में स्कूल अनुसार प्ले स्कूल खोले गए. मार्च 2020 में कोरोना के कारण सालभर स्कूल बंद रहे. वहीं कुछ स्कूलों ने जैसे-तैसे ऑनलाइन क्लास देना शुरू किया, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) ज्यादा दिन नहीं चल सकीं. स्कूल के लिए खर्च उठाना मुश्किल हो गया. इसका परिणाम यह हुआ कि, स्कूलों को बंद करना पड़ गया. जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर स्थित लिटिल मिलेनियम स्कूल 2010 में खुला था, लेकिन फरवरी में इस बार बंद हो गया.

नहीं हो रही कमाई

बिहार के भागलपुर में बचपन प्ले स्कूल के निदेशक ने बताया कि, लोग लोन लेकर स्कूल खोल रहे थे. अभी लोन भी चुकता नहीं हुआ है. ऐसे में स्कूल चलाना मुश्किल हो रहा था. अंत में स्कूल बंद करना पड़ा. पूरे राज्य में इन स्कूलों की संख्या लगभग छह सौ है, लेकिन ये स्कूल भी अब बंद हो रहे हैं, क्योंकि जिनके ऊपर हर महीने का खर्च 30 से 40 हजार का है.

फेल हुई ऑनलाइन क्लासेस

बिहार की राजधानी पटना में तो कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास देना शुरू किया, लेकिन अभिभावक संतुष्ट नहीं हुए. पटना के सबसे पुराने स्कूलों में गिने जाने वाले, ब्लोजम प्ले स्कूल की प्राचार्य पम्मी का कहना है कि, नलाइन पढ़ाई में अभिभावक रूचि नहीं लेते हैं. कई अभिभावक ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों के नाम कटवा रहे हैं. वहीं पुनपुन में प्ले स्कूल चल रही मौसमी ने बताया कि पहले तीन कमरे थे, लेकिन अब स्कूल एक कमरे में शिफ्ट कर दिया है.

About Aditya Jaiswal

Check Also

भारतीय रेलवे ट्रेनों और स्टेशनों पर रेल यात्रियों को स्वच्छ और पौष्टिक “इकोनॉमी खाना” देगा

नई दिल्ली। भारतीय रेल समाज के सभी वर्गों के लिए यातायात का एक बहुत बड़ा ...