Breaking News

शॉर्ट वीडियो ऍप VMate के साथ मिलकर इन शूरवीर कोरोना योद्धाओं ने कोविड-19 के खिलाफ संभाला मोर्चा

हमें कोविड-19 यानी कोरोनावायरस से बचने के लिए बार-बार अपने घरों में रहने को कहा जाता है। लेकिन ऐसे हजारों कर्मचारी, या कहें कि कोरोना योद्धा हैं, जिनके पास यह विकल्प नहीं है। वे इस महामारी में तमाम खतरों और जोखिमों की परवाह किए बगैर अपने कर्तव्यजपथ पर डटे हुए हैं। ऐसे ही कुछ व्याकित्यों ने, जो कि जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों से हैं, अपनी जानकारी और अनुभव के दम पर, शॉर्ट वीडियो ऍप VMate सरीखे सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों को जागरूक बनाने का बीड़ा भी उठाया है। आज जबकि आम इंसान के सामने आधुनिक दौर की सबसे बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है, ऐसे में शॉर्ट वीडियो ऍप्स की भूमिका भी बढ़ी है जो उन्हें मनोरंजन की दैनिक खुराक देने वाले माध्यरमों से कहीं अधिक गंभीर बनाती है। आइये जानते हैं कि अलग-अलग कार्यक्षेत्रों से सम्बंधित कुछ कोरोना योद्धा किस प्रकार से इस संकटकाल में शॉर्ट वीडियो ऍप VMate का सबसे ज्यांदा लाभ उठा रहे हैं।

डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा

VMate ने इस वैश्विक महामारी के और देशव्यापी लॉकडाउन के शुरू होने पर ही नोवेल वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने और इस विषय में फैली गलत धारणाओं को दूर करने के लिए कुछ डॉक्टोरों से नाता जोड़ा था। आज जबकि लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है, यह लिस्टट और बढ़ चुकी है और देशभर के अलग-अलग भागों से डॉक्ट र तथा अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्सक VMate से जुड़ चके हैं। कुछ डॉक्टलरों जैसे फरीदाबाद की डॉ खुश्बूत तंवर और नैनीताल की चित्रा टमटा ने इस ऍप के जरिए लोगों को मास्कै सही ढंग से लगाने, सब्जियां पकाने या फलों आदि को खाने से पहले जरूरी सावधानियों के बारे में जानकारी दी। कुछ अन्यन ने इस ऍप की व्यापपक पहुंच का लाभ उठाते हुए लोगों को शराब की दुकानों के बाहर लगी लंबी कतारों में नहीं खड़े होने के बारे में बताया, क्योंोकि ऐसा करना स्वा स्य् अ के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

फिलहाल जबकि बहुत-सी जगहों पर ओपीडी और क्लीेनिक बंद पड़े हैं, कुछ मेडिकल प्रोफेशनल्स ने शॉर्ट वीडियो ऍप के जरिए कोविड-19 से इतर स्वास्थय समस्यायों के साधारण इलाज सुझाये हैं, मसलन पाचन तंत्र को सही रखने तथा दर्द में राहत दिलाने वाले व्याूयाम आदि के बारे में जानकारी देने की पहल की है। ये कुछ ऐसी आम समस्यातएं हैं जो लोगों के सामने पेश आ रही हैं और मौजूदा हालात में वे इनके समाधान के लिए डॉक्टकरों को दिखाने के लिए भी नहीं जा सकते।

पुलिसकर्मी भी आगे आए

कई पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के लिए VMate का रास्ताी चुना है। चूंकि ये पुलिसकर्मी ज़मीनी स्तैर पर कार्यरत हैं और ज़मीनी हकीकतों से पूरी तरह परिचित भी होते हैं, ऐसे में ये लोगों को असली हालात की जानकारी दे रहे हैं और इन सूचनाओं को लाखों शॉर्ट वीडियो यूज़र्स तक पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि ये कविताओं, दोहों, शेरो-शायरी के जरिए अपनी रचनात्म कता का परिचय देते हुए उपयोगी संदेश आम जनता को दे रहे हैं। उत्तखर प्रदेश में लखनऊ के पुलिसकर्मी मंजीत पटेल ने एक वीडियो पोस्टत किया है जिसमें वे उर्दू में एक शेर पढ़ रहे हैं:

मैं खैरियत से हूं, तुम खैरियत से रहना
मैं आपके लिए बाहर हूं, तुम घर में रहना
किसी के हाथ को छूना नहीं, लेकिन किसी का साथ छोड़ना नहीं
कोई भी हो आपके पड़ोस में तकलीफ में, तो मुंह अपना मोड़ना नहीं

इसी तरह, उन्नातव के एक अन्य पुलिसकर्मी धीरज कुमार ने भी अपने वीडियो के मार्फत लोगों को कोरोना से खुद का बचाव करने के लिए घर पर ही रहने का संदेश दिया है।

लोकतंत्र का चौथा स्तंचभ-मीडिया/पत्रकार

अनेक प्रमुख प्रकाशन और क्षेत्रीय मीडिया घरानों ने भी इस कठिन वक़्ात में कोरोना संबंधी सूचनाओं के प्रसार के लिए VMate से नाता जोड़ा है। इनमें कुछ अग्रणी नाम हैं दैनिक जागरण, पंजाब केसरी, खबर तक, देसी खबरें, एम जे मीडिया, छत्तीेसगढ़ खबरी तथा वायरल खबर।

गुमनाम कोरोना योद्धाओं की सूची में में कुछ ऐसे पत्रकार/रिपोर्टर भी शामिल हैं जो देश के अंदरूणी और दूरदराज के इलाकों की खबरें ला रहे हैं। चूंकि मीडिया के प्रमुख प्लेरटफार्मों पर इन खबरों को कम जगह ही मिलती है, लिहाज़ा ये पत्रकार भी अपनी खबरें लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए शॉर्ट वीडियो ऍप्सह की मदद ले रहे हैं। हरियाणा में पानीपत के रिपोर्टर हरित VMate पर क्रिएटर भी हैं और उन्हों ने उन प्रवासी श्रमिकों की समस्यापओं तथा तकलीफों को ऍप के जरिए लाखों लोगों तक पहुंचाया है जो भोजन और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों से भी महरूम हैं। उन्होंलने दिखाया है कि कैसे एक 5 वर्षीय मासूम बच्चाथ तक इस संकट के चलते अपने घर-बार से दूर फंसा हुआ है।

यह जानना सुखद है कि कुछ पत्रकार इस ऍप का इस्तेकमाल ज्याूदा से ज्याचदा सकारात्म क खबरों और कहानियों को लोगों तक बांटने के लिए कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, गोरखपुर के पत्रकार ओ पी गुप्तां ने चौरी चौरा के बाशिंदों का एक वीडियो शेयर किया है जो पुलिस कर्मियों का अभिनंदन कर रहे हैं। इसी तरह, गौतम बुद्ध नगर की एक रिपोर्टर ने सहारनपुर में लॉकडाउन के दौरान संपन्नइ एक ऐसी अद्भुत शादी की मिसाल पेश की है जिसमें सोशल डिस्टेनन्सिंग संबंधी किसी भी निर्धारित मानक या नियम आदि का उल्लंंघन नहीं हुआ।

ये तमाम पेशेवर और क्रिएटर इस संकटकाल के गुमनाम नायक हैं जिनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। ये हम तक न सिर्फ सूचनाएं पहुंचा रहे हैं बल्कि एक उम्मीखद भी दिखा रहे हैं कि मौजूदा हालात कितने ही मुसीबत भरे क्योंह न हों, मगर इस सुरंग के उस पार रोशनी है।

About Samar Saleel

Check Also

सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए ब्लू लाइट स्किन ट्रीटमेंट भी जरूरी

आप सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सब कुछ करती हैं, लेकिन क्या ...