मेरठ: दिल्ली रोड पर जगदीश मंडप के पास से हटाई गई 168 साल पुरानी मस्जिद का मलबा नूर नगर के पास रिहान गार्डन में बन रही नई मस्जिद में इस्तेमाल किया जाएगा। चार डंपर में मलबा वहां डलवाया गया है। इसके अलावा मस्जिद की कुरान, चटाई और रहल आदि को बागपत अड्डे पर फुटबॉल चौक के पास जिकरिया मस्जिद में रखवाया गया है।
जिकरिया मस्जिद के मुतवल्ली हाजी सुआलीन ने बताया कि वह कारोबारी वसीम और युवा सेवा समिति के संस्थापक बदर अली के साथ एडीएम सिटी ब्रजेश सिंह से मिले थे। उन्होंने बताया था कि मस्जिद रैपिड निर्माण कार्य के रास्ते में आ रही है, इसलिए इसे हटाया जाना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि अगर शहर के विकास में कोई भी अतिक्रमण बाधा डालता है तो उसे हटाया जाएगा। आपसी सहमति के बाद मस्जिद को हटाया गया है। बदर अली ने बताया कि मस्जिद को लेकर प्रशासन से मुआवजे या अन्य जगह बनाने को लेकर कोई बात पहले से नहीं हुई थी।
मस्जिद हटाने के लिए गोला सिंह ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी। शफीक अहमद मस्जिद पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे थे। वर्ष 1980 में दोनों की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बताया कि इस मस्जिद में जुमे की नमाज होती थी। इसके अलावा दिन में फज्र की नमाज छोड़कर बाकी चार वक्त की नमाज होती थी।
शुक्रवार देर रात हरे पर्दे लगाकर एनसीआरटीसी और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद को हटाया गया था। रात भर काम चलने के बाद शनिवार अल सुबह तक मलबा भी नूरनगर के पास रिहान गार्डन में बन रही मस्जिद के पास डलवा दिया गया।