भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के संविधाान में संशोधन मामले पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई को राजी हो गया है और इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सीए बोबडे और एल नागेश्वर राव की पीठ बीसीसीआई के अपने संविधान में संशोधन के लिए दलील सुनने पर सहमत हो गया है।
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीसीसीआई की तरफ से पेश हुए जबकि कपिल सिब्बल ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ और हरीश साल्वे ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ की तरफ से राज्य संघों के लिए धन जारी करने का आवेदन पेश किया। बीसीसीआई ने गत 21 अप्रैल अपनी पहली वार्षिक आम बैठक में संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा था।
संशोधन में बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव पद के कार्यकाल में बदलाव भी शामिल था। लोढा समिति के अनुसार कोई भी व्यक्ति लगातार दो कार्यकाल पूरा करने के बाद तीन साल का कूलिंग पीरियड पूरा किए बिना पद पर नहीं रह सकता है।
गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में कार्यकाल इस महीने के अंत में खत्म हो रहा है और नियमानुसार वह आगे इस पद पर बने नहीं रह सकते हैं। शाह का सचिव पद पर कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन वह पद पर बने हुए हैं।