कोरोना की दूसरी लहर भले ही सुस्त पड़ गई है, लेकिन डेल्टा प्लस वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के इस वैरिएंट को लेकर बड़ा बयान दिया है।
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘डेल्ट प्लस वेरिएंट कितना संक्रामक है, यह बताने के लिए हमारे पास अभी ज्यादा डाटा नहीं है. अध्ययन के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है. यह थोड़ा और दुष्प्रभावी हो सकता है. लेकिन कुछ भी कहने से पहले, हमें और डेटा चाहिए.’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि एक अनुमान के मुताबिक कोविड के डेल्टा वेरिएंट के मामले अब करीब 100 देशों में सामने आ चुके हैं. इसके साथ ही उसने आगाह किया कि आने वाले महीनों में यह बेहद संक्रामक स्वरूप पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे हावी स्वरूप बन जाएगा.
रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं मिला है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के चलते ज्यादा मौतें हुई हैं या इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन को मात देने की बात भी किसी डेटा से पुष्ट नहीं होती।