लखनऊ नगर निगम में शामिल सभी 88 गांवों का सरकार प्रशासक नियुक्त कर विकास कराए जाने व लखनऊ में 2 नगर निगम की मांग को लेकर आयोजित ग्राम सभा उत्तरधौना की बैठक में लखनऊ जनकल्याण महासमिति महासमिति से निवासियों ने वहां की समस्याओं से अवगत कराया। लखनऊ के 88 गांवों के साथ आयोजित बैठक में ग्राम प्रधान संदीप सिंह ने कहा कि नाली, सड़क, सफाई व्यवस्था ध्वस्त है, पिछले एक साल से गांव की सड़कें खराब हो गयी है। स्कूलों में सफाई तक नही हो पाती,गांव की सड़कें तालाब में बदल गयी है लेकिन क्षेत्र नगर निगम में आने के कारण प्रधानी व्यवस्था समाप्त हो गयी ऐसे में न तो ग्राम सभा से व्यवस्था हो रही है और न ही नगर नगर निगम कोई विकास कर रहा है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष सरकार ने लखनऊ के 88 गांवों को नगर निगम में शामिल कर लिया लेकिन क्षेत्र बड़ा होने के कारण विकास प्रभावित हो रहा है। लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने 88 गांवो के प्रधान, पूर्व प्रधान और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुवे कहा कि गांव में पिछले एक साल से सफाई नही हो रही, स्कूलों की सफाई व्यवस्था ध्वस्त है, वही नगर निगम कागजों में 2500 सफाई कर्मी लगाकर सफाई की बात कर रहा है।
उमाशंकर दुबे ने कहा कि वर्तमान में लखनऊ में नए 88 गांवो को जोड़कर लगभग 40 लाख की आवादी हो गयी है ऐसे में कम से कम 2 नगर निगम बनाया जाना चाहिए जिससे नए क्षेत्रो का भी विकास हो सके। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुवे महासमिति के महासचिव रामकुमार यादव ने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री ने हाउस टैक्स से नए नगर निगम क्षेत्र की जनता को राहत दी है उसी प्रकार 2 नगर निगम बनाकर क्षेत्र के विकास का सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।
बैठक 88 गांवों के ग्रामप्रधान, पूर्व ग्राम प्रधान सहित बड़ी संख्या में बीडीसी सदस्य, पूर्वं जिला पंचायत सदस्य आदि सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। बैठक में नगर निगम के सभी 88 गांवों के संयोजक मखदुमपुर के ग्राम प्रधान देवेश यादव ने कहा जनता को न्याय दिलाने को लेकर सभी 88 गांवों की जनता को लखनऊ जनकल्याण महासमिति से जोड़ने का काम किया जाएगा। जिससे गांवो की बात सरकार तक पहुच सके और गांव की जनता को न्याय मिल सके। बैठक को महासमिति के उपाध्यक्ष विवेक शर्मा सहित कई अन्य सदस्यो ने संबोधित किया।