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Pragati Maidan में विश्व पस्तक मेले में किताबों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। प्रगति मैदान Pragati Maidan में विश्व पुस्तक मेले के दौरान हॉल संख्या आठ के प्रथम तल स्थित ऑडिटोरियम में पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा का आयोजन सुप्रसिद्ध साहित्यकार भुवनेश सिंघल ‘भुवन’ द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘स्मृतियां अटल हैं’ पर किया गया।

इस पुस्तक को बेच रहे प्रकाशकों ने विश्व पुस्तक मेले के दौरान बेस्ट सेलर बुक घोषित किया। तथा सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार व अटल जी के साथी रहे पं. सुरेश नीरव ने इस पुस्तक को ‘बेस्ट सेलर बुक अवॉर्ड’ प्रदान किया। यह सम्मान पुस्तक के संपादक भुवनेश सिंघल को प्रदान किया गया।

हाल ही में इस पुस्तक का लोकार्पण अटल जी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर संसद भवन में किया गया था। इस दिन संसद भवन में विगत पांच वर्षों से अटल सम्मान समारोह का आयोजन भी इस पुस्तक के संपादक भुवनेश सिंघल के द्वारा किया जाता है। भुवनेश सिंघल अटल जी से बचपन से ही प्रभावित रहे हैं और उनके प्रति अपने समर्पण के चलते ही अटल जी के साथ बिताए क्षणों की अनेक यादों को अक्सर बहुत भावुक होकर सुनाते हैं।

Pragati Maidan में चल रहे मेले में

प्रगति मैदान Pragati Maidan में चल रहे मेले में स्मृतियां अटल हैं पुस्तक पर चर्चा के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में अटल जी की सरकार में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे राज्यसभा सांसद पदमश्री डॉ. सी. पी. ठाकुर ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का प्रारम्भ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा के जिलाध्यक्ष रोशन कंसल, जिलाध्यक्ष अजय महावर, वरिष्ठ समाजसेवी नवीन तायल, डॉ. यू. के. चौधरी व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की सुपुत्री कत्थक नृत्यांगना आरूषी निशंक रहीं। मंच का संचालन स्वयं भुवनेश सिंघल ने किया। इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर किया गया।

इसके अलावा सी. पी. ठाकुर ने अटल जी के साथ के अनेक संस्मरणों को साझा किया और कहा कि इस पुस्तक के लिए जब सिंघल जी मेरे पास आए तब अटल जी जीवित थे। इन्होनें मुझसे कहा कि मैं अटल जी की यादों को एक पुस्तक में संग्रहित करना चाहता हूं ताकि उनके चाहने वालों को एक उपहार दे सकूं। मुझे इनकी सोच अच्छी लगी और मैंने अटल जी के साथ के अनेक किस्से भुवनेश सिंघल को सुनाए।

अटल जी की सरकार में मुझे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और जल संसाधन मंत्री रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं दो बार मंत्री रहा। अटल जी अपने साथ के हर आदमी को आगे बढ़ाते थे। अटल जी को पूरी दुनियां में जो सम्मान हासिल हुआ वो बहुत ही विरले लोगों के नसीब में होता है। उनकी मृत्यु पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भयंकर गर्मी में स्वयं पैदल चलकर उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए जो विश्व भर के लिए संवेदनाओं और श्रद्धा का एक अनुठा उदाहरण है।

श्रेष्ठ वक्ता होना सरल नहीं

रोशन कंसल ने अपने सम्बोधन में कहा कि अटल जी जैसा श्रेष्ठ वक्ता होना सरल नहीं है। वो जब बोलते थे तो लोग मंत्र मुग्ध होकर सुनते थे। उनके चाहने वालों की संख्या का अंदाजा लगाना नामुमकिन है। वो एक सच्चे जननेता थे। भुवनेश सिंघल ने ऐसे महान व्यक्तित्व की यादों को एक पुस्तक के रूप में संजोकर अटल जी के चाहने वालों को एक तोहफा प्रदान किया है। यह पुस्तक आज बेस्ट सेलर बुक के रूप में सम्मानित की गई है।

इस अवसर पर पुस्तक के विक्रेता प्रकाशकों में समदर्शी प्रकाशन, केबीएस प्रकाशन आदि प्रकाशक उपस्थित रहे। वहीं अन्य मुख्य लोगों में मेजर एस. पी. सिन्हा, कर्लन आर. सी. वर्मा, समाजसेवी डी. पी. गोयल, अनिल जिंदल, राजकुमार गर्ग, पवन झा, अमरेन्द्र कुमार, प्रशांत द्विवेदी, श्याम जैन, जयप्रकाश विलक्षण, मेजर एस. पी. सिन्हा, नरेन्द्र अरोड़ा, अनिल जिंदल, मोहन गोयल, सचिन मावी व वैभव सिंघल आदि रहे।

 

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