ब्रिटिश संसद में किसान आंदोलन पर ‘अनुचित चर्चा’ होने से भारत सरकार ने बीते मंगलवार को भारत में यूनाइटेड किंगडम के उच्चायुक्त को समन भेज दिया था। अब इस मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। हाल ही में उन्होंने कहा, ‘किसी भी लोकतंत्र में कोई किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्वतंत्र है।’
आप सभी जानते ही होंगे कि शशि थरूर UPA के कार्यकाल में विदेश मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में हाल ही में उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘जिस तरह भारत में हम फिलीस्तीन-इजरायल के मुद्दे पर चर्चा करते रहे हैं या करते हैं, या फिर हम अगर किसी भी दूसरे देश के किसी घरेलू मुद्दे पर चर्चा करना चाहें तो कर सकते हैं, उसी तरह ब्रिटिश संसद के पास भी वही अधिकार है।’
इसी के साथ आगे उन्होंने कहा, ‘इसमें सरकार का दोष नहीं है। वो अपना दृष्टिकोण रखकर अपना काम कर रही है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि एक दूसरा दृष्टिकोण भी होता है और लोकतंत्र में चुने गए प्रतिनिधि अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र होते हैं।’ थरूर ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि इसमें कोई हैरानी की बात है। हमें इसे लोकतांत्रिक देशों के बीच में होती रहने वाली चीजों के तौर पर देखना चाहिए।’ आप सभी जानते ही होंगे भारत सरकार ने ब्रिटिश संसद में नए कृषि कानूनों पर चर्चा होने के बाद ब्रिटिश उच्चायुक्त को बुलावा भेजा था। जी दरअसल बीते मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया भी जताई थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, ‘सरकार ने ब्रिटिश संसद में भारत के कृषि सुधार कानूनों पर अनुचित और विवादास्पद चर्चा किए जाने पर अपना सख्त विरोध जताया है।’ वहीं विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने एक बयान जारी किया था और यह स्पष्ट किया था कि, ‘यह बहस एक दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में गंभीर हस्तक्षेप है।’