लखनऊ। माता गुजरी सत्संग सभा की ओर से शुक्रवार को सरबंसदानी साहिब गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों एवं उनकी माता माता गुजर कौर जी के शहीदी दिवस पर श्री गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिन्डोला में दीवान सजाया गया।
इस अवसर पर सायं श्री रहिरास साहिब के पाठ से दीवान का आरम्भ हुआ तत्पश्चात हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने शबद कीर्तन एवं समूह संगत को नाम सिमरन करवाया। के के एन एस गुरमति संगीत एकेडमी के बच्चों ने ”सूरा सो पहचानियो लरै दीन के हेत। पुरजा-पुरजा कट मरे कबहु न छाडै़ खेत।” शबद कीर्तन का गायन किया। रागी जत्था भाई भुपिन्दर सिंह दिल्ली वालों ने ”पहिला मरणु कबूलि जीवन को छड़ि आस। होहु समना की रेणुका तउ आउ हमारे पासि।”
शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। बीबी जसप्रीत कौर लुधियाना वालों ने ”सूरजि किरणि मिलै जलु का जल हुआ राम।” शबद कीर्तन गायन किया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। शहीदी दिवस का मुख्य कार्यक्रम 25 दिसंबर को होगा, जिसके लिए लंगर की तैयारियां एक दिन पहले से ही प्रारंभ हो गई और स्त्री सत्संग सभा की महिलाओं ने लंगर तैयार करने की सेवा संभाली। शनिवार के मुख्य कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
आज के दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने चारों साहिब जादों एवं माता गुजर कौर की शहादत को एक बड़ी शहादत कहा और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अरदास के उपरान्त गुरू का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।