अगर हम कहें की शुरुआती दौर में लोग थाइरायड रोग को समझ नहीं पाते है तो गलत नहीं होगा क्योंकि इस बीमारी में कई प्रकार की दिक्कत होती है । गले में सूजन, खाना निगलने में परेशानी, हाथ कांपना या ठंड अधिक लगती हो इन परेशानियों को नज़रअंदाज़ न करें क्योंकि ये सारे लक्षण थाइराइड रोग की तरफ इशारा करते है ।
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल डाक्टर मयंक सोमानी सीईओ एमडी ने बताया कि अनियंत्रित माहवारी, वजन बढ़ना या थकान रहना, वजन घटना या बढ़ना, धड़कन तेज होना या अधिक पसीना आना, घेंघा रोग, आवाज में बदला भी थाइरायड रोग के कारण होता है। उन्होंने यह भी बताया कि थाइरायड की गोली हमेशा खाली पेट खानी चाहिए और खाने के आंधे घंटे के बाद तक कुछ नहीं खाना है।
उन्होंने बताया कि हाइपोथायरायडिज्म के विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते है जैसे उदासी, थकान, बालों का झड़ना, सर्दी, कब्ज़, खीची त्वचा, सेक्स इच्छा में कमी, बांझपन और वज़न में वृद्धि। 35 साल के ऊपर हर व्यक्ति को थायरॉयड की जांच करवाना चाहिए।
डायबिटीज और हार्ट डिसीज के बाद यह सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी है। आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के समय थाइरायड का खतरा ज्यादा रहता है और वो इस बीमारी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेती, क्योंकि कई बार तो वो इसे समझ ही नहीं पाती हैं।