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डेंगू में पपीते के पत्तों का जूस क्या प्लेटलेट्स बढ़ा देता है? AIIMS के डॉक्टर से जानें

डेंगू का बुखार एक बार फिर से देश के कई राज्यों में फैल रहा है. इस बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पताल में भी बढ़ रही है. कुछ मरीजों की मौत भी हुई है. डेंगू का डी-2 स्ट्रेन मौत होने की एक बड़ी वजह है.

इस स्ट्रेन की वजह से प्लेटलेट्स का काउंट तेजी से गिर रहा है, जो बाद में मौत का कारण बन रहा है. इस समय डेंगू के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. बुखार होने पर डेंगू की जांच कराने को कहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, डेंगू के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार आना और मांसपेशियों में दर्द होता है. अधिकतर लोगों में ऐसे लक्षण ही दिखते हैं, लेकिन कुछ मामलों में लक्षण गंभीर हो सकते हैं. इसमें शरीर पर दाने निकलना और उल्टी दस्त की समस्या होने लगती है. ये संकेत हैं कि मरीज की प्लेटलेट्स गिर रही है. अगर ये लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.

इस समय डेंगू के कुछ मरीज प्लेटलेट्स कम होने पर हॉस्पिटल नहीं जा रहे हैं. बल्कि प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पपीते के पत्तों का जूस पी रहे हैं. लोगों का मानना है कि इससे प्लेटलेट्स का लेवल बढ़ता है, लेकिन क्या सही में ये जूस प्लेटलेट्स को बढ़ाता है? क्या डेंगू में पपीते के पत्तों का जूस फायदमेमंद है? आइए जानते हैं कि इस बारे में एम्स दिल्ली के डॉक्टर क्या कहते हैं.

कोई मेडिकल प्रमाण नहीं

एम्स नई दिल्ली में मेडिसिन डिपार्टमेंट में अडिशनल प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल TV9 से बातचीत में बताते हैं कि पपीते के पत्तों का जूस से प्लेटलेट्स बढ़ने का कोई सीधा संबंध नहीं है. मेडिकल साइंस में ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसमें कहा गया है कि ये जूस प्लेटलेट्स बढ़ा सकता है. ऐसी कोई रिसर्च भी नहीं हुई है जिसमें पपीते के पत्तों का जूस डेंगू में फायदेमंद बताया गया है.

कुछ मामलों में मरीज में इसके साइडइफेक्ट्स तक हो सकते हैं. इससे शरीर में एलर्जी, पेट में इंफेक्शन जैसी परेशानी भी हो जाती है. पेट में इंफेक्शन की वजह से उल्टी और दस्त की परेशानी हो सकती है. इससे शरीर मे डिहाइड्रेशन होने का खतरा रहता है, जो डेंगू को और भी गंभीर बना सकता है.

अधिकतर मामलों में बुखार ठीक हो जाता है

डॉ. नीरज कहते हैं कि कुछ मामलों में देखा जाता है कि मरीज लगातार पपीते के पत्ते के जूस को पीता है, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आता. उन्हें लगता है कि कुछ दिन में आराम लग जाएगा और मरीज अस्पताल नहीं आता है. ऐसे में उसकी स्थिति बिगड़ने लगती है. इसलिए लोगों को सलाह है कि डेंगू के बुखार में घरेलू नुस्खों के फेर में न फंसे .

डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराएं. अधिकतर मामलों में डेंगू का बुखार दो से पांच दिन में खुद ही ठीक हो जाता है. इस दौरान ध्यान रखें कि तेज बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह के हिसाब से कोई दवा ले लें. शरीर में पानी की कमी न होने दें और दिन में कम से कम सात से आठ गिलास पानी जरूर पीएं. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल जूस भी पी सकते हैं.

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