लखनऊ। स्वर्ण संगीत एवं नाट्य समिति के तत्वावधान और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से भृगुदत्त तिवारी प्रेक्षागृह डीएवी पी जी कालेज लखनऊ मे अयोजित स्वर्ण संगीत नाट्य समारोह में मंचित नाटक “तमाशा मदारी” ने गिरती कानून व्यवस्था पर नेताओं पर कटाक्ष किया।
कोविड प्रोटोकाल के अन्तर्गत आयोजित स्वर्ण संगीत नाट्य समारोह-2021 की शुरुवात स्वर्ण संगीत एवं नाट्य समिति लखनऊ की प्रस्तुति के रूप में मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एवं स्निग्धा मुखर्जी द्वारा निर्देशित नाटक “बेटों वाली विधवा” से हुई। पति के जीवित न रहने पर एक पत्नी को बच्चों के साथ तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जबकी उसके सगे बेटे मौजूद हों, कुछ ऐसे ही परिस्थिति में बुने नाटक “बेटों वाली विधवा” ने एक ओर बताया कि बिना पति के एक पत्नी का जीवन नरकीय है और बच्चों का प्रताड़ित करना उससे ज्यादा दुष्कर है।
एक मां की दुर्दशा को उजागर करते नाटक “बेटों वाली विधवा” में अचला बोस, अशोक लाल, ऋषभ तिवारी, आदर्श तिवारी, मोनिस सिद्दीकी, श्रद्धा बोस और सुनीता ने अपने सशक्त दमदार अभिनय से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
नाट्य समारोह की दूसरी प्रस्तुति के रूप में आकांक्षा थिएटर आर्टस ने राजेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा लिखित एवं अशोक लाल द्वारा निर्देशित नाटक ” एक दिन की छुट्टी ” का मंचन किया। पति-पत्नी की नोकझोक संग, हास्य परिहास्य की चाशनी से परिपूर्ण रहे नाटक “एक दिन की छुट्टी” ने बताया की झूठ बोलना बुरी बात है, इससे अपना ही नहीं दूसरों का भी अहित होता है और इससे शर्मिन्दा भी होना पड़ता है। सशक्त कथानक से परिपूर्ण नाटक “एक दिन की छुट्टी” में ऋषभ तिवारी, श्रद्धा बोस, मोहित यादव, अशोक लाल, मोनिस सिद्दीकी और आदर्श तिवारी ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को देर तक अपने आकर्षण के जाल मे बांधे रखा।
नाट्य समारोह की अन्तिम प्रस्तुति के अन्तर्गत श्रद्धा मानव सेवा कल्याण समिति ने पुरषोत्तम दास वर्मा अमन द्वारा लिखित एवं अचला बोस द्वारा निर्देशित नाटक “तमाशा मदारी” का मंचन किया। राजनेता के खोखले दावों और वादों पर प्रहार करते नाटक तमाशा ने उनके दिखावे की राजनीति और सत्तासुख की संलिप्तता पर तीखा व्यंग्य किया। सशक्त कथानक और उत्कृष्टअभिनय से परिपूर्ण नाटक “तमाशा मदारी” मे अशोक लाल और मोहित यादव के अभिनय ने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध किया।