चाय अक्सर गर्म ही पी जाती है और इसमें कोई दो राय नहीं है कि गर्मागर्म चाय पीने का अपना ही मजा होता है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो जायके तक तो ठीक है लेकिन सेहत के लिहाज से ये सही नहीं है। चाय के कप में आने के कम से कम चार से पांच मिनट बाद इसे पीना सेहत के लिए सही माना जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में भी ये बात सामने आ चुकी है कि ज्यादा गर्म चाय पीने से खाने की नली का या गले का कैंसर होने का खतरा आठ गुना तक बढ़ जाता है।
इस बात की तस्दीक इससे भी की जा सकती है कि ईरान में चाय बहुत अधिक पी जाती है, जबकि वहां के लोग सिगरेट और तंबाकू का सेवन भी नहीं करते थे, लेकिन उनमें इसोफेगल कैंसर की शिकायत बहुत पाई गई। इसके पीछे कारण तेज गर्म चाय थी जो गले के टिशूज को नुकसान पहुंचाती है। चाय को आंच से उतारने के दो मिनट के भीतर पीने वालों को कैंसर का खतरा उन लोगों से पांच गुना बढ़ जाता है, जो चार या पांच मिनट के बाद पीते हैं।
इस बात की रिसर्च के लिए करीब पचास हजार लोगों चुना गया था और उन पर हुए अध्ययन के बाद ये बात सामने आई। विशेषज्ञों के अनुसार चाय पीने और कप में डालने के बीच कम से कम पांच मिनट का अंतर होना चाहिए।
याद रखिए गर्म चाय पीने से एसिडीटी, अल्सर, और पेट से जुड़ी तमाम बीमारियां हो सकती हैं। केवल गर्म चाय ही नहीं, कोई चीज हो इतनी गर्म हो जो पेट की शेल्षा झिल्ली को प्रभावित करती है और उससे पेट से जुड़ी तमाम बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए याद रखें कि चीजें इतनी ही गर्म खानी चाहिए जिससे मुंह और गला ही नहीं, पेट भी न जले।