बता दें आज विद्युत विभाग के तमाम कर्मचारियों ने बिजली के निजीकरण(Privatization)के निर्णय के विरोध में शहर में शक्तिभवन समेत कई जिलों में धरना प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अनुसार यदि सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो 9 अप्रैल से आंदोलन को और तेज़ करते हुए सभी कर्मचारी 72 घंटे के धरने पर बैठेंगे।
Privatization को लेकर शक्तिभवन पर जोरदार प्रदर्शन
आज लखनऊ में पावर कारपोरेशन के मुख्यालय शक्ति भवन पर तकरीबन पांच हजार से अधिक कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन कर अपना विरोध दिखाया। वहीँ शहर के अन्य बिजली केंद्रों व उपकेंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा।
विरोध प्रदर्शन के चलते काम-काज ठप
आज सुबह से हड़ताल के बाद बिजलीकर्मियों ने कहा की सरकार जल्द अपने इस फैसले को वापस ले।
वहीँ संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है यदि बिजली कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आन्दोलन के चले उनको किसी प्रकार से नुकसान पहुँचाया गया तो बिना और कोई नोटिस दिये अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
राजधानी समेत कई जगह रहा कार्य बहिष्कार
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज सुबह से ही चल रहे कार्य बहिष्कार में राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों में बिजली के दफ्तरों और विद्युत उपकेन्द्रों पर सन्नाटा छाया रहा। वहीँ लखनऊ में शक्ति भवन समेत अन्य जिलों जैसे वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, फैजाबाद, गोण्डा, बरेली, मुरादाबाद,आगरा, अलीगढ़, कानपुर आदि जगहों पर जनपद मुख्यालयों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।