टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं। इस दौरान वह तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद में जुटी हुई हैं। उन्होंने इसी कड़ी में मंगलवार को विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात की है।
- ममता ने न सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की, बल्कि कांग्रेस और बीजेपी के भी कुछ नेताओं की ओर रूझान किया है।
- ममता अब चुनाव के लिए सहारे की तलाश कर रही हैं।
Mamata, फेडरल फ्रंट खड़ा करने पर जोर
ममता बनर्जी ने अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से लग गई हैं। वह बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए फेडरल फ्रंट खड़ा करने की बात कर रही हैं। जिसके लिए टीआरसी प्रमुख ने ममता से 19 मार्च को बात रखते हुए फेडरल फ्रंट को खड़ा करने के लिए कहा था। इसके लिए वह कई पार्टियों और संगठनों से मुलाकात कर रही हैं।
- इसी के मद्देनजर ममता ने एनसीपी, शिवसेना, टीआरएस, टीडीपी, आरजेडी और सपा के नेताओं से मुलाकात की है।
तीसरे मोर्चे के निर्माण के पहले ही संकट के छाये बादल
जिसमें NCP पर पहले से ही सस्पेंस है। टीडीपी भी असहज महसूस कर रही है। जिससे तीसरे मोर्चे पर संकट के बादल पहले से ही छाये नजर आ रहे हैं।
- ऐसे में तीसरे मोर्चे के अस्तित्व पर बहुत ही बड़ा संकट दिखाई पड़ रहा है।
- वहीं अगर शिव सेना की बात करें तो शिवसेना की विचारधारा टीएमसी से बिल्कुल अलग है।
- जिससे शिवसेना और तीसरे मोर्चे का साथ एकदम अलग ही लग रहा है।
चुनाव आते आते बदल सकते हैं समीकरण
ममता बनर्जी दिल्ली में गैर बीजेपी और गैर कांग्रसी मोर्चे की कवायद में जुटी हैं।
- लेकिन चुनाव आते-आते समीकरण बदल सकते हैं।
- चुनाव के बाद भी नतीजों के आधार पर भी साथी खेमा बदल भी सकते हैं और खेमे में आ भी सकते हैं।