ईटीजी एग्रो इंडिया (ETG Agro India) अपने फ्लैगशिप एंटरप्राइज ईटीसी एग्रो प्रोसेसिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ दुनिया भर में दालों की प्रोसेसिंग करने वाली इंडस्ट्री में दालों की सबसे बड़ी प्रोसेसर और मार्केटिंग कंपनियों में से एक है। कंपनी ने हाल ही में गुजरात के खेड़ा में अत्याधुनिक नट्स-बादाम का प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया है। इस प्लांट में अपने काम में निपुण 100 से भी ज्यादा महिला कर्मचारियों की शक्तिशाली वर्कफोर्स काम करती है। मूल रूप से यह दालों की प्रोसेसिंग करने वाली कंपनी है। ईटीजी एग्रो इंडिया ने इस नए प्रॉडक्ट को अपनी कंपनी की लिस्ट में जोड़ा है। इस तरह भारतीय बाजार में नट्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कंपनी ने अपने राजस्व को बढ़ाने का नया द्वार खोला है। ईटीजी इंडिया बिजनेस के नए क्षेत्रों में प्रवेश कर अपना दायरा बढ़ाने के लिए बिल्कुल तैयार है। इस कड़ी में बादाम की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग एक शुरुआत है।
यह प्रोसेसिंग प्लांट बादाम के छिलके उतारने और प्रोसेसिंग पर केंद्रित है। यह भारत में बादाम की प्रोसेसिंग के सबसे बड़े प्लांट्स में से एक है। इस प्लांट की प्रोसेसिंग क्षमता सालाना 1000 मीट्रिक टन कच्चे बादामों के प्रसंस्करण की है। इस प्लांट को पूर्ण रूप से कुशल महिला कर्मचारी संचालित करती हैं। इन महिला कर्मचारियों को बादामों को चुनने और तरह-तरह की बेहतरीन क्वॉलिटी के बादाम मुहैया कराने के लिए नियुक्त किया गया है। सबसे पहले नट्स की श्रेणी में बादाम की मार्केटिंग ईटीजी एग्रो नेचर्ज–प्रो नट्स ब्रैंड के तहत थोक और कंस्यूमर पैक के फॉर्मेंट में की जाएगी। इसके बाद अखरोट, पिस्ता और काजू की प्रोसेसिंग में विस्तार किया जाएगा।
ईटीजी एग्रो इंडिया के सीईओ पराग गदरे ने कहा, “इस समय हम मुख्य खाद्य पदार्थ और स्नैक्स खाने के ट्रेंड में दिलचस्प बदलाव देख रहे हैं। दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले सभी आयु समूह के लोगों में घर में कोई भी चीज खाना पसंद करने के मामले में अपनी सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है। इसमें मानसिक सेहत भी शामिल है। इस समय भारतीय रसोईघरों में शाकाहारी भोजन में प्रोटीन अपनी जगह बनाने लगा है। कोरोना वायरस की महामारी और इसके बाद हुए कई लॉकडाउन से बहुत से लोग घर में खाना बनाने, बेकिंग और आसानी से उपलब्ध खाद्य पदार्थों के साथ नए-नए प्रयोग कर स्वादिष्ट व्यंजन बना रहे हैं। वह प्रोसेस्ड फूड का भी चुनाव कर रहे हैं और ज्यादा समझदारी से अपने बनाए गए खाने में नट्स, विशेष रूप से बादाम का प्रयोग कर रहे हैं।
लोगों के बदले हुए व्यवहार के संबंध में मिले रुझानों में नट्स की बढ़ती खपत की झलक मिल रही है। हालांकि गैर मिलावटी, शुद्ध और स्वच्छ नट्स की मांग और आपूर्ति में काफी अंतर है। हमने देखा है कि संस्थागत खरीदारों और घरेलू व्यापारियों को विश्वसनीय ग्लोबल पार्टनर की तलाश है, जिसकी भारतीय बाजार में अच्छी खासी प्रतिष्ठा हो। यहीं पर ईटीजी की एंट्री होती है। ईटीजी प्रो नट्स प्लांट का उद्देश्य शुद्ध और पूर्ण रूप से स्वच्छ प्रो नट्स की उपभोक्ताओं को डिलिवरी करना है। इसके साथ ही ईटीजी भारत में नट्स के कारोबारियों और संस्थागत खरीदारों का मजबूत पार्टनर भी है।”
श्री गदरे ने कहा, ईटीजी इंडिया का दखल और नट्स बिजनेस के पोर्टफोलियो में एंट्री कंपनी के व्यापक और दीर्घकालीन रणनीतिक बिजनेस प्लान का हिस्सा है। कंपनी की उपभोक्ताओं में सबसे ज्यादा डिमांड वाले अलग-अलग खाद्य पदार्थों, कमोडिटीज, मूल्यवर्धित प्रसंस्स्कृत खाद्य पदार्थों, पौधों पर आधारित प्रोटीन और दूसरी सामग्रियों के कारोबार के क्षेत्र में उतरने का योगदान है, जिनकी ओर उपभोक्ताओं का झुकाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। प्लांट का उद्देश्य मिठाई, बिस्कुट, आइसक्रीम या दूसरी इडंस्ट्रीज में प्रयोग होने वाली नट्स से संबंधित सामग्री का निर्माण करना भी है। ईटीजी एग्रो इंडिया ने स्थानीय महिलाओं के लिए रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया है। इसलिए कंपनी ने प्लांट में बादाम को छांटने और वर्गीकरण के लिए 100 स्थानीय महिला कर्मचारियों की भर्ती की है। इन महिला कर्मचारियों को भर्ती से पहले विशेष कौशल में प्रशिक्षित किया गया है। प्लांट का उद्देश्य स्थानीय समुदाय की 300 से ज्यादा महिला कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करना है।
नट्स बिजनेस के हेड कपिल यादव ने कहा, “ईटीजी प्रो नट्स बेहतर क्वॉलिटी के हैं, इसलिए बादाम की प्रोसेसिंग करते समय पानी का प्रयोग नहीं किया जाता। कोई मिक्सिंग नहीं होती। इसकी साल भर तक लगातार सप्लाई होती है। ईटीजी प्रो नट्स (बादाम) एक आधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट है, जिसकी क्षमता प्रति घंटे 3.5 मीट्रिक टन बादामों के प्रसंस्करण की है। कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच कंपनी की ओर से इस प्लांट की स्थापना और यहां से 20 नवंबर को उत्पादन की शुरुआत एक मिसाल है, जिसका दूसरी कंपनियों को अनुकरण करना चाहिए। नट्स के बाजार में भारत के लिए काफी बड़ी संभावना है। विकसित देशों में बादाम जैसे नट्स की खपत दस गुना अधिक है।
उदाहरण के तौर पर प्रति व्यक्ति नट्स की खपत सालाना 60-70 ग्राम हैं, जबकि ग्लोबल मार्केट में नट्स की प्रति व्यक्ति खपत 550 ग्राम सालाना से अधिक है। भारत में नट्स की पारंपरिक रूप से खपत किसी त्योहार के मौके पर सबसे ज्यादा होती है इसलिए तब यह पूरी समझदारी से भारतीय रसोई में आने वाले सामान का प्रमुख हिस्सा बन जाते हैं। अब नट्स भारत में मुख्य भोजन में भी अपनी जगह बनाते जा रहे हैं। इन्हें या तो अलग-अलग फूड आइटम को बनाते समय उसमें मिलाया जाता है या उसे सीधे ही लोग खाते हैं। स्वाद से भरपूर होने के साथ इसमें आवश्यक पौष्टिक तत्व भी होते हैं। एक मुट्ठी नट्स में काफी प्रोटीन होता है। भारत में नट्स की बढ़ती कारोबारी क्षमता के साथ ग्लोबल लेवल की विशेषज्ञता ने ही राजस्व के लिए नए दरवाजे खोलते हुए ईटीजी इंडिया को इस श्रेणी में प्रवेश के लिए प्रेरित किया है।
ईटीजी एग्रो इंडिया अखरोट और काजू जैसे नट्स घरेलू उत्पादकों से सोर्स करेगा जबकि बादाम की सोर्सिग अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से की जाएगी। कंपनी ने प्रमुख सप्लायर्स के साथ साझेदारी की है। वर्ष 2021-22 के लिए, कंपनी ने 8 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा नट्स की बिक्री का अनुमान लगाया है। बादाम की डिमांड अब और भी ज्यादा बढ़ गई है। इनका केवल विभिन्न व्यंजनों को बनाने में ही प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसे दूसरे किसी नट्स की अपेक्षा स्नैक्स के विकल्प के तौर पर बादाम ज्यादा खाने लगे हैं। बादाम की खपत उत्तरी और पश्चिमी भारत के मार्केट में सबसे ज्यादा होती है। पूर्वी और दक्षिणी भारत में बादाम तेजी से अपनी जगह बना रहा है। वास्तविक उपभोक्ताओं तक इसकी पहुंच बनाने के लिए ऑनलाइन के साथ फिजिकल डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का भी लाभ उठाया जा रहा है। कंपनी ने बाजार में कई दुकानों की चेन के अलावा ऑनलाइन रिटेलर्स के पास इसकी सप्लाई पहले ही शुरू कर दी है। कंपनी मार्केटिंग के लिए अलग-अलग शहरों में थोक विक्रेताओं पर फोकस कर रही है, जो इस प्रॉडक्ट को सामान्य कारोबार की श्रेणी में रख रहे हैं।
ईटीजी एग्रो इंडिया अपने एकीकृत एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ किसानों और बंदरगाहों से नजदीकी के साथ भीड़ से अलग कंपनी नजर आती है। कंपनी के 3000 से भी ज्यादा चैनल पार्टनर हैं और इसका डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क पूरे देश में फैला है। दालों के लिए कंपनी के आईएसओ सर्टिफाइड दालों की प्रोसेसिंग के प्लांट महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल में लगाए गए हैं। कंपनी के प्रोसेसिंग प्लांट्स की क्षमता सालाना 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक है, जिसने ईटीजी को दालों की सबसे बड़ी प्रोसेसिंग कंपनी बना दिया है।