Breaking News

हिंद-प्रशांत को लेकर पहले की अपेक्षा यूरोप आज ज्यादा जागरुक है: जयशंकर

नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के एक विश्वसनीय और भरोसेमंद साथी के रूप में भारत की स्वीकार्यता पूरे यूरोप में लगातार बढ़ रही है। इसका नजारा गुरुवार को स्लोवेनिया में देखने को मिला, जहां आयोजित ब्लेड स्ट्रेटेजिक फोरम (बीएसएफ) में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून-आधारित व्यवस्था के लिए साझेदारी’ विषय पर आयोजित पैनल परिचर्चा में स्लोवेनिया के अपने समकक्ष एंजे लोगर के साथ भाग लिया।

स्लोवेनिया में आयोजित ब्लेड स्ट्रेटेजिक फोरम में भारत ने पहली बार लिया हिस्सा

पैनल चर्चा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत को लेकर पहले की अपेक्षा यूरोप आज “ज्यादा जागरूक” है क्योंकि एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में जो होता है उसका सीधा प्रभाव यूरोप के हितों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंध आने वाले समय में और भी मजबूत होंगे।

विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि अतीत में यूरोप अपनी तात्कालिक क्षेत्रीय सीमाओं से परे हितों को व्यक्त करने के बारे में मितभाषी रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वैश्वीकृत दुनिया में यह यूरोप के अपने हित में भी नहीं है। यूरोप को यह जानने के जरूरत है कि हिंद-प्रशांत में उसके मित्र हैं और यूरोप के कई सिद्धांतों, मूल्यों और दृष्टिकोण को अन्य देश भी साझा करते हैं। उन्होंने हिंद-प्रशांत समेत अन्य क्षेत्रों संबंधी मामलों में यूरोप की बढ़ति रुचि का स्वागत किया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले वर्षों में ईयू के साथ भारत के राजनयिक संबंधों पर बात की और स्वीकार किया कि वे उन अलग-अलग सदस्य देशों पर अधिक केंद्रित रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसे बहुत से मुद्दे दिखाई देते हैं, जहां भारत और यूरोप के बीच कई मिलान बिंदु हैं और यूरोप आना, अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ संवाद करना एवं उनके साथ इस पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ”विदेश मंत्री के रूप में सबसे पहले जो चीजें की, उनमें से एक ब्रसेल्स की यात्रा करना था और मैंने स्लोवेनिया समेत यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्यों से संवाद सुनिश्चित करने की कोशिश की, क्योंकि हमें लगता है कि यूरोप एक सामूहिक उपक्रम है और हमें सभी हितधारकों को अपने साथ रखने की आवश्यकता है।

बता दें कि जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और यूरोपीय संघ के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्लोवेनिया, क्रोएशिया और डेनमार्क की अपनी चार दिवसीय यात्रा के तहत मध्य यूरोपीय राष्ट्र में हैं। 2006 से हर वर्ष आयोजित होने वाले इस ब्लेड स्ट्रेटेजिक फोरम में भारत को पहली बार आमंत्रित किया गया था, जो यह बताता है कि यूरोपीय संघ (ईयू) को यह विश्वास हो गया है कि चीन के प्रभाव को संतुलित करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

            शाश्वत तिवारी

About Samar Saleel

Check Also

अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले भारतीय नागरिक की मौत, गिरफ्तारी के बाद हिरासत केंद्र में थे

अवैध तरीके से अमेरिका आने वाले भारतीय नागरिक की अटलांटा में मौत हो गई। संघीय ...