रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
कुछ राजनीतिक पार्टियां नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयानबाजी में व्यस्त है। ऐसा लग रहा है जैसे उनके लिए यह राष्ट्रीय आपदा का नहीं चुनाव का समय है। इसे वह किसी भी दशा में हाँथ से जाने नहीं देना चाहती है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है,कोटा से हजारों छात्रों को उत्तर प्रदेश आना था,लेकिन तब राजस्थान की सरकार और हजार बस इंतजाम का दावा करने वाले कांग्रेसी दिग्गज नदारत थे। यह कार्य योगी आदित्यनाथ ने किया। बताया गया कि उन्होंने राजस्थान सरकार ने योगी के आग्रह करने के बाद जो बसें इस काम में लगाई थी,उनका छत्तीस लाख रुपया किराया भी हासिल कर लिया है। कांग्रेस के अन्य राज्यों से भी श्रमिक पलायन कर रहे है। वहाँ की सरकारों और बयानवीर इस पर मौन है। लेकिन जैसे ही उत्तर प्रदेश की सीमा प्रारंभ होती है,इनकी चेतना जागृत हो जाती है। कोई हजार बसों को लगाने का दावा करता गया,कोई मजदूरों की कठिनाई पर घड़ियाली आंसू बहाने लगता है। ऐसे लोग यह भी नहीं देखना चाहते है हजार बसों की जमीनी हकीकत क्या है,या उनकी प्रदेश सरकारें ही मजदूरों का भरण पोषण करने में विफल हुई है। अन्यथा इतना जोखिम उठा कर कोई श्रमिक वापस क्यों आना चाहता।
योगी आदित्यनाथ ने अपने दायित्वों को वरीयता दी। वह जानते थे कि यह राजनीति का नहीं अभावग्रस्त लोगों की सेवा का समय है। उन्होंने श्रमिकों से बार बार आग्रह किया। वह पैदल ना चलें,जहां है,वहीं रुके रहे,जिला प्रशासन उनको वहीं भोजन,पानी देगा,और वहीं से उनको सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। विपक्ष इन्हीं तस्वीरों पर राजनीति करता रहा,योगी ने अपने वादे पर अमल करते रहे। राज्य सरकार के प्रयासों से अब तक तेईस लाख कामगारों श्रमिकों को प्रदेश वापस लाया गया है। राज्य सरकार इन सभी की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के लिए कटिबद्ध है। वापस आने वाले सभी श्रमिकों व कामगारों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यकता के अनुरूप क्वारंटीन सेन्टर अथवा होम क्वारंटीन पर भेजा जा रहा है।
होम क्वारंटीन जाने वाले श्रमिकों कामगारों को खाद्यान्न किट प्रदान की जा रही है। इनके राशन कार्ड भी बनाए जा रहे है। इन्हें होम क्वारंटीन के दौरान एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता भी दिया जा रहा है। जाहिर है कि बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन कई दिग्गजों के लिए राजनीति का अवसर था। इनके निशाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे। इन सभी ने योगी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। लेकिन इनका रुख महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली की तरफ नहीं था। पलायन तो इन्हीं राज्यों से हो रहा था। ऐसे में प्रश्न ने उन प्रदेश सरकारों से होना चाहिए था। क्योंकि ये राज्य सरकारें इन श्रमिकों को राहत देने में विफल रही थी। लेकिन कांग्रेस जैसी पार्टियों को तो उत्तर प्रदेश में ही राजनीति करनी थी। श्रमिकों के मुद्दे से ये अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश रही थी। प्रिंयका गांधी यहां बस भेजने का प्रस्ताव कर रही थीं,लेकिन अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों पर उनका ध्यान नहीं था,जहां से ये मजदूर पलायन कर रहे थे। बसपा प्रमुख मायावती ने ठीक कहा कि श्रमिकों की इस स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।
कांग्रेस को लगा होगा कि योगी आदित्यनाथ को इस मुद्दे पर उलझा दिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस का दांव उल्टा पड़ा है। योगी कांग्रेस के चक्कर में ही नहीं पड़े,उन्होंने अपना पूरा ध्यान श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी पर केंद्रित रखा। उनके इन प्रयासों से तेईस लाख प्रवासी श्रमिकों की उत्तर प्रदेश में सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी संभव हो चुकी है। यह क्रम लगातार जारी है। करीब बारह सौ श्रमिक स्पेशल ट्रेनें प्रवासी कामगारों श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। बसों एवं अन्य साधनों से भी प्रवासी कामगार श्रमिक आये हैं। योगी इन श्रमिकों की सुविधाओं पर भी ध्यान दे रहे है।अधिकारियों को उनके सख्त निर्देश है कि राज्य की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों श्रमिकों को सबसे पहले भोजन व पेयजल उपलब्ध कराया जाए। उनकी सकुशल प्रदेश वापसी के साथ ही उन्हें क्वारंटीन सेन्टर में सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है। क्वारंटीन सेन्टर में इन्हें फूड पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे है।थर्मल स्कैनिंग के बाद स्वस्थ पाए गए श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जा रहा है। प्रत्येक जरूरतमंद को भोजन एवं खाद्यान्न उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया जा रहा है। होम क्वारंटीन के दौरान प्रवासी कामगारों श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता भी दिया जा रहा है। होम क्वारंटीन किए गए लोगों की सर्विलांस के लिए गठित निगरानी समितियों में आशा वर्कर के साथ अन्य सभी सदस्यों को सक्रिय रखा गया है। होम क्वारंटीन में रखे गए लोगों के घर के बाहर इस सम्बन्ध में अनिवार्य रूप से पोस्टर लगाया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ इन श्रमिकों के वर्तमान पर ही ध्यान नहीं दे रहे है,बल्कि उनके लिए भविष्य की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। क्वारंटीन सेन्टर में प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है।जिससे होम क्वारंटीन पूरा करने के पश्चात उनके रोजगार की व्यवस्था की जा सके। इसके तहत पात्र एवं इच्छुक लोगों के जाॅब कार्ड तैयार किए जाएं। राज्य में वापस आए प्रवासी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कर्मियों की ट्रेनिंग कराई जाएगी।इसी कर साथ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लाॅकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए है। संक्रमण से बचाव हेतु मण्डी स्थलों पर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। एक्सप्रेस वेज़ पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए तथा एम्बुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। अस्पतालों में जनरल ओपीडी सेवाओं को छोड़कर,संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी सभी उपाय लागू करते हुए इमरजेंसी सेवाओं का संचालन तथा आवश्यक आॅपरेशन की कार्यवाही की जा रही है। टेस्टिंग क्षमता को दस हजार टेस्ट प्रतिदिन तक पहुंचाने का प्रयास होगा। शीघ्र टेस्टिंग परिणाम प्राप्त करने के लिए ट्रूनैट मशीन जैसे उपकरणों का शीघ्रता से प्रोक्योरमेंट किया जाए। इस महीने के अन्त तक लेवल वन,टू व थ्री कोविड चिकित्सालयों में कुल बेड की संख्या को बढ़ाकर एक लाख कर दी जाएगी। कृषक उत्पादक संगठन तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को सुदृढ़ किया जाएगा। जिससे यह स्थानीय स्तर पर खाद्यान्न का भण्डारण कर सकें। योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज की योजनाओं के प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन संबन्धी निर्देश भी दिए।सम्बन्धित विभागों द्वारा अपने प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए जाएंगे।