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‘आंखें खुली थीं, सांसें चल रही थी…’, अंतिम क्षणों में क्या कर रहे थे पोप, डॉक्टर ने बताई पूरी कहानी

पोप फ्रांसिस के डॉक्टर ने बताया कि सोमवार सुबह जब उन्हें वेटिकन बुलाया गया, तो उन्होंने पोप की आंखे खुली देखीं और उन्हें सामान्य रूप से सांस लेते हुए पाया। हालांकि, वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे। उन्होंने यह जानकारी गुरुवार को इटली के एक अखबार कोरिएरे डेला सेरा को दी।

डॉक्टर सर्जियो अल्फिएरी ने पोप फ्रांस का पांच हफ्तों तक अस्पताल में दोहरे निमोनिया का उपचार किया था और जब 23 मार्च को पोप वेटिकन लौटे तो उनके स्वस्थ होने तक उनकी देखभाल करते रहे। पोप के स्वास्थ्य सहायक मासिमिलियानो स्ट्रापेट्टी ने सोमवार की सुबह साढ़े पांच बजे डॉक्टर अल्फिएरी को फोन किया और बताया कि पोप की तबीयत अचानक बिगड़ गई है और उन्हें अस्पताल ले जाना होगा। डॉक्टर ने कहा कि वह बीस मिनट बाद उनके पास पहुंचे।

डॉक्टर ने कहा, जब मैं उनके कमरे में गया, तो उनकी आंखें खुली थीं। मुझे लगा कि उन्हें सांस लेने में कोई दिक्कत है, इसलिए मैंने उन्हें आवाज दी, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने उन्हें दर्द देकर भी जगाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसी पल मुझे समझ में आ गया कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। वह कोमा में थे।

अल्फिएरी ने बताया कि उन्हें दोबारा अस्पताल ले जाना बहुत जोखिम भरा था, क्योंकि वहां उनका पहले भी गंभीर श्वसन संक्रमण का उपचार हुआ था, जिससे वो दो बार मरते-मरते बचे थे। उन्होंने कहा, पोप जतब जेमेली अस्पताल में थे तो हमेशा कहते थे कि वह घर पर ही मरना चाहते हैं। पोप को स्ट्रोक आया और दो घंटे बाद उनकी मौत हो गई। कार्डिनल पिएत्रो पेरोलिन पहुंचे और पोप के पार्थिव शरीर के पास रोजरी की प्राथना की, जिसमें पोप के घर के कर्मचारी भी शामिल थे।

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