लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि Crop फसल बीमा योजना के नाम पर भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों को लूटा जा रहा है। फसल बीमा योजना में सन् 2016 से 2018 दो वर्ष के दौरान बीमा की दो कम्पनियों को 15795 करोड़ रूपए की आमदनी हुई।
Crop बीमा योजना में लोन
उन्होंने कहा कि किसान को Crop फसल बीमा योजना में लोन तभी मिलता है जब बीमा की प्रीमियम राशि को बैंक काट लेता है। किसान को मुआवजा मिलता नहीं और अगर मिल भी गया तो उसमें पहला शेयर बैंक का होता है क्योंकि बैंक ने पहले लोन दिया।
श्री यादव ने किसानों से मुलाकात में कहा कि किसानों ने बड़ी मेहनत करके पैदावार से अपने बोरे तो भर लिये हैं लेकिन उनकी जेबें अभी भी खाली हैं। फसल बिकने के इंतजार में खड़े किसानों के अंदर आक्रोश उफना रहा हैं क्योंकि सरकार ने एमएसपी तो घोषित कर दी है लेकिन ये नहीं बताया कि वो मिलेगी कहां से और देगा कौन?
सरकार किसानों के साथ कैसे धोखा करती है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह है कि मक्का किसानों के लिए क्रय केन्द्र खोले बिना 1700 रूपए समर्थन मूल्य घोषित हो गया पर ये रूपए कहां और कैसे मिलेंगे इसकी व्यवस्था नहीं है। यह बात तो नीति आयोग ने भी माना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तो घोषित है किन्तु उत्तर प्रदेश में धान खरीद के अधिकांश मामलों में किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे हैं।
सरकारी समर्थन मूल्य
सामान्य धान का सरकारी समर्थन मूल्य 1750 रूपए प्रति कुंतल है जबकि किसान को 1200 रूपए प्रति क्वींटल के लाले पड़ गए है। क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। बाराबंकी में सैकड़ों ट्रक खड़े हैं धान की खरीद नहीं हो रही है।
गन्ना किसान परेशान हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं बढ़ाया है। मिलें किसानों का गन्ना नहीं खरीद रही है। कई चीनी मिलों में पेराई तक नहीं शुरू हुई है। गन्ना किसानों के भुगतान में लापरवाही बरती जा रही है। किसान को लागत मूल्य तो मिल नहीं रहा है जबकि बिजली दर, खाद, बीज, कीट नाशक, डीजल के दाम बढ़ गए हैं। लागत का डेढ़ गुना देने का भाजपा के वादे का दूर-दूर तक पता नहीं। किसानों की आमदनी दुगुना करने के नाम पर भाजपा ने अन्नदाता को धोखा दिया। दुग्ध उत्पादकों को दाम नहीं मिल रहा है।