बच्चे को मोबाइल दिखाकर खाना खिलाना आपके लिए आसान काम हो सकता है, लेकिन यह उसके मन-मस्तिष्क पर बहुत बुरा असर डालता है। एक अध्ययन के अनुसार, 2 साल से कम उम्र के 90 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन देखते हुए ही खाना खाते हैं। ज्यादातर माताएं भी जब बच्चा खाना नहीं खाता तो उसके हाथों में मोबाइल दे देती हैं और उन्हें लगता है कि उनका काम आसान हो गया।
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बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करने वाली निधी राज डेढ़ साल के बच्चे की मां हैं। वह बताती हैं कि वह पूरी कोशिश करती हैं कि वह खाना खिलाते वक्त अपने बच्चे को मोबाइल न दें। जब वह दो-चार दिन अपने बच्चे को मोबाइल नहीं देती हैं तो बच्चे में काफी बदलाव दिखते हैं। वह खुद ही काफी कुछ नया सीखता है। अगर आप भी अपने काम को आसान करने के लिए ऐसा कर रही हैं तो सावधान हो जाएं। यह धीरे-धीरे बच्चे की आदत में शुमार हो सकता है और उसके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह से बिगाड़ सकता है।
विकास में बाधक
दिल्ली के जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के बाल रोग विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉ. नौशीन सिद्दीकी कहते हैं आजकल स्क्रीन टाइम ज्यादा होने की वजह से बच्चों में कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं, जैसे- ऑटिज्म और एडीएचडी यानी ध्यान की कमी जैसी समस्या।
मोबाइल दिखाकर खाना खिलाने से अभिभावकों को आगे चलकर भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इससे बच्चे का विकास रुक जाएगा और वह मोबाइल देखने का आदी हो जाएगा। यहां तक कि उसे खाना खाने का यही तरीका सही लगने लगेगा और वह सामाजिक दुनिया से आभासी दुनिया को अधिक सत्य मानने लगेगा। इसलिए आप जितनी छोटी उम्र से उनका स्क्रीन टाइम कम करने का प्रयास करेंगी, बच्चे के विकास के लिए उतना ही बेहतर होगा।