असम के तिनसुकिया जिले में स्थित बागजान तेल कुंआ में मंगलवार को भीषण आग लग गई. कुएं से पिछले 14 दिन से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था. प्रत्यक्षदशिज़्यों ने बताया कि ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल कुएं में लगी आग इतनी भीषण है कि उसकी लपटें दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से देखी जा सकती हैं.
कुएं में आग लगने के वक्त सिंगापुर की फर्म अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल के तीन विशेषज्ञ वहां मौजूद थे और वहां से कुछ उपकरणों से हटाया जा रहा था. तीनों विशेषज्ञ गैस रिसाव को बंद करने का प्रयास कर रहे थे. कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि दमकलकर्मी मौके पर मौजूद हैं और आग पर काबू पाने की कोशिश जारी है.
उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यालय ने ट्वीट कर बताया है कि मुख्यमंत्री ने घटना के संबंध में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से फोन पर बात की.
वहीं मुख्यमंत्री ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए दमकल एवं आपात सेवाओं के कर्मियों, सेना और पुलिस को मौके पर तैनात करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे ना घबराएं.
गौरतलब है कि डिब्रू-साईखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित इस कुएं में विस्फोट हुआ था, जिसके बाद अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव होने लगा. जिला प्रशासन ने प्राकृतिक गैस के रिसाव और उसके प्रभावों के मद्देनजर आसपास रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाहर बिना बादल बरसात जैसा आलम था. लोगों ने गौर किया कि गैस का रिसाव तेजी से फैल रहा है और तेल की बारिश जैसी हो रही थी. कंपनी व स्थानीय प्रशासन ने 2-3 किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह खाली करा लिया इसके बाद से लोग राहत शिविर में ही हैं.
गैस रिसाव पर इतने दिनों से अंकुश न लग पाने के कारण लोगों में डर भी है और गुस्सा है. उनका कहना है कि हम अपने घर कब जाएंगें पता नहीं. मंगलवार को आग भड़कने से स्थिति और बिगड़ गई. लोगों में कुछ दिन पहले हुए विशाखापट्टनम गैस लीक जैसे हादसे का डर है.