बाराबंकी। लक्ष्मी कान्त मिश्रा व साकेत रावत ने 28 सितम्बर को अपने विपक्षी पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला पर एससीएसटी का फर्ज़ी मुकदमा दर्ज करवा कर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने व पराजित करने की नियति से कुचक्र रचा। इसी के चलते ज़िला प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मतदान और मतगणना के लिए भारी पुलिस फोर्स की व्यवस्था करानी पड़ी। ज़िला अध्यक्ष पद के लिए सुनील कुमार शुक्ला व लक्ष्मी कान्त मिश्रा के मध्य सीधा मुकाबला।
लेखपालसंघ चुनाव में कड़ा मुकाबला
मालूम हो कि बाईट दिनों पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला व निवर्तमान जिलाध्यक्ष साकेत रावत के मध्य पूर्व चुनाव से ही तनातानी होने के कारण निवर्तमान जिलाध्यक्ष लेखपालसंघ साकेत रावत ने नगर कोतवाली बाराबंकी में इस नियत से मुकदमा दर्ज कराया कि पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला की गिरफ्तारी कराकर चुनाव प्रभावित किया जा सके। इससे पीड़ित सुनील कुमार शुक्ल ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक बाराबंकी से फर्जी एससीएसटी मुकदमें के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग रखी थी। इसके साथ ही सुनील कुमार शुक्ल ने निष्पक्ष चुनाव हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग भी कही थी। जाँच के दौरान एससीएसटी के तहत दर्ज कराये गए मुकदमे में भी घटना की पुष्टि नहीं हुई थी। आज इसी कर्म में जिला प्रशासन ने लेखपाल संघ का चुनाव संपन्न करने के इरादे से इसकी व्यवस्था की जिसका चुनाव परिणाम भी देर शाम तक आने की संभावना है।ज़िला अध्यक्ष पद के लिए सुनील कुमार शुक्ला व लक्ष्मी कान्त मिश्रा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है जिसमें मतगणना के बाद अंतिम मोहर भी लग जाएगी। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। जीत किसके पाले में जाएगी यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।