वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 को दूसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल व आईटी मंत्री अश्विनी वैश्णव ने संबोधित किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री के समक्ष कल एक दिलचस्प टिप्पणी की गई थी कि दुनिया भर के सभी वित्तीय केंद्र पूंजी की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। भारत इस दिशा में सकारात्मक कदम उठा रहा है। निवेश योग्य धन आने और पैसा बाहर जाने की सुगमता पर चर्चा की जा रही है। गिफ्ट सिटी की अवधारणा के समय भी, प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण था कि प्रौद्योगिकी और वित्त को शामिल किए बिना, नव निर्मित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र वास्तव में पूरी ऊर्जा के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकता।
वित्त मंत्री ने आईएफएससी के बारे में यह बताया
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “वर्तमान में आईएफएससी में, हमारे पास अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज सहित तीन एक्सचेंज हैं। आईएफएससी के भीतर 25 बैंक काम कर रहे हैं, जिनमें से 9 विदेशी बैंक हैं। आईएफएससी ने 26 विमान पट्टेदारों को भी आकर्षित किया है, जिन्होंने सामूहिक रूप से 136 परिसंपत्तियों को पट्टे पर दिया है।”
80 फंड मैनेजरों ने 89 योजनाओं और 29 बीमा संस्थाओं की स्थापना की है, जिनमें आठ बीमा और पुनर्बीमा कंपनियां शामिल हैं। जहाज पट्टे पर देने वाली आठ कंपनियों ने यहां परिचालन शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा, “भारत सरकार ने बहुत स्पष्ट रुख अपनाया है कि हम भारत में जहाज निर्माण गतिविधियों को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि गिफ्ट सिटी में सकारात्मक माहौल से हम आसानी से वैश्विक वित्त तक पहुंचने में सक्षम होंगे और हमारे शिपिंग यार्ड की निर्माण क्षमताओं का उपयोग कर पाएंगे।
किताबें खरीदने के लिए अश्विनी वैष्णव ने यूपीआई का किया इस्तेमाल
वहीं दूसरी ओर वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दौरान गांधीनगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में किताबें खरीदने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव यूपीआई का उपयोग करते हुए देखा गया।केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स पर एक सेमिनार में भाग लिया।
वैष्णव बोले- हमारे पास ऐसे संगठन जो पीएम के दृष्टिकोण को साकार कर रहे
समिट के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पीएम मोदी ने अमेरिका में जून में माइक्रोन से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और 90 दिनों के भीतर सितंबर में कारखाने का निर्माण शुरू हुआ।” उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में यह बहुत बड़ा योगदान है। यह योगदान अमूल्य है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे पास ऐसी सरकारें हैं, हमारे पास ऐसे संगठन हैं जो हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को क्रियान्वित कर सकते हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन पावर कलस्टर बनेगा गुजरात में
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं, “हमारे ग्रह को जिस तरह से संरक्षित किया जाना है, वह हमारे नीति-निर्माण के शीर्ष पर है। दुनिया में हर कोई विनिर्माण प्रक्रिया में हरित ऊर्जा की मांग कर रहा है। गुजरात 30,000 मेगावाट का ग्रीन पावर हब स्थापित करेगा। दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन पावर क्लस्टर 5000-7000 मेगावाट है। वैश्विक स्तर पर, अब गुजरात का ग्रीन पावर क्लस्टर पूरी दुनिया में सबसे बड़ा बन जाएगा। यह उन उत्पादों के निर्माण का एक शानदार अवसर है जिनमें ग्रीन पावर होगी। इससे बहुत बड़ा फायदा होगा।
सेमीकंडक्टर उद्योग में दस लाख मजबूत प्रतिभाओं की आवश्यकता
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग को अगले दशक में दस लाख और मजबूत प्रतिभाओं की आवश्यकता होने वाली है। यह भारत से आएगा… हमने पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण व्यवस्था विकसित करने के लिए 104 विश्वविद्यालयों के साथ करार किया है। उन्होंने कहा कि जब आप निवेश का अगला निर्णय लेते हैं, तो आपकी स्वाभाविक पसंद भारत और गुजरात होनी चाहिए।